Ayodhya News: अयोध्या में इस बार चौदहकोसी परिक्रमा (14 Kosi Parikrama) में भव्य रौनक और आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से पहली बार हो रही इस परिक्रमा में लाखों श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा, जो लगभग 20 घंटे तक लगातार जारी रहा। जिला प्रशासन ने अनुमान लगाया कि इस बार परिक्रमा में करीब 30 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना रहा।
शाम होते ही भक्तों से भर गई रामनगरी की 14 कोसी परिधि
शनिवार शाम 6:34 बजे से ही भक्तों ने अयोध्या की 14 कोसी परिधि में परिक्रमा आरंभ कर दी थी। शाम होते-होते रामनगरी श्रद्धालुओं से पूरी तरह भर चुकी थी। भक्त रामनगरी की रज शिरोधार्य कर जयकारे के साथ परिक्रमा में लीन हो गए। इस परिक्रमा के साथ ही कार्तिक मेला भी अपने पूरे रंग में आ गया। देर रात से शुरू होकर रविवार दोपहर तक यह क्रम बिना रुके चलता रहा, और श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ परिक्रमा पूरी की।
Read more: Stock M-Cap: Reliance-TCS सहित छह कंपनियों का कुल मार्केट वैल्यू 1.55 लाख करोड़ घटा
सरयू में स्नान के बाद प्रमुख मंदिरों में उमड़ी भीड़
परिक्रमा पूरी होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ सरयू नदी के तट पर स्नान-दान के लिए उमड़ पड़ी। इसके बाद भक्तों ने रामलला, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और नागेश्वरनाथ मंदिर सहित अन्य प्रमुख मठ-मंदिरों में दर्शन-पूजन कर अपनी आस्था प्रकट की। मेला क्षेत्र में देर शाम तक आस्था का यह सैलाब पूरे जोश और उमंग के साथ दिखाई दिया, जिससे सम्पूर्ण अयोध्या गुलजार रही।
Read more: Bijnor Triple Murder: पति-पत्नी और बेटे की पेचकस से गोदकर निर्मम हत्या, जांच में जुटी पुलिस
अब पंचकोसी परिक्रमा की तैयारी में जुटा प्रशासन
चौदहकोसी परिक्रमा के सफल समापन के बाद जिला प्रशासन ने अब पंचकोसी परिक्रमा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस परिक्रमा का शुभ मुहूर्त 11 नवंबर को दोपहर 1:54 बजे से शुरू होकर 12 नवंबर सुबह 11:38 बजे तक रहेगा। प्रशासन इस बार की परिक्रमा को लेकर सतर्क है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।
फिर से उमड़ेगा आस्था का समुद्र
चौदहकोसी परिक्रमा के उत्साह के बाद पंचकोसी परिक्रमा में भी भक्तों की भारी संख्या की उम्मीद है। प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किए हैं ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। रामनगरी में आस्था और श्रद्धा की इस गंगा में डूबने का यह अवसर भक्तों के लिए एक अनमोल अनुभव बना हुआ है।