West Bengal: संदेशखाली मामले को लेकर ममता सरकार की मुश्किलें अभी तक थमी नही थी कि अब उनकी मुश्किलें और ज्यादा बढ़ती नजर आ रही है.उनकी बढ़ती मुश्किलो के पीछे कोई और नही बल्कि उनके ही पार्टी के सदस्यों का हाथ है.जिसमें तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तापस रॉय शामिल हैं और उनके पार्टी से इस्तीफा देने के बाद से पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तनाव बढ़ता हुआ दिख रहा है।विधायक पद साथ ही पार्टी से इस्तीफा देने के बाद तापस रॉय ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी और प्रदेश अध्यक्ष सकुांत मजूमदार की मौजूदगी में तापस रॉय आज बीजेपी में शामिल हो गए.तापस रॉय ने विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि,जब उनके खिलाफ ईडी ने कार्रवाई की थी,तो उनकी पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया था.उनको पार्टी द्वारा दिए गए पद और टीएमसी की कार्यशैली पर भी रॉय ने सवाल खड़े किए हैं।
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बुरे वक्त पर ममता बनर्जी ने छोड़ा था साथ-तापस रॉय
तापस रॉय ने पार्टी के खिलाफ अपनी गहरी निराशा व्यक्त करते हुए कहा,ममता बनर्जी पर उनके बुरे वक्त में उनका साथ छोड़ देने का आरोप लगाया था.मीडिया से बातचीत के दौरान रॉय ने पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि,ED जब उनके आवास पर जनवरी में छापा मारने आई थी तब उस समय उनके साथ खड़े होने वाला कोई नहीं था.जिसको लेकर उन्होंने पार्टी नेतृत्व की काफी आलोचना की और आगे उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर कहा कि,मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि,ईडी शाहजहां शेख को निशाना बना रही है.मैं उम्मीद कर रहा था कि,वो मेरे घर पर छापे के बारे में भी एक या दो शब्द बोलेंगी लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला।
पूर्व TMC नेता ने खुद को बताया आजाद पंक्षी
3 बार के तृणमूल कांग्रेस से विधायक रहे तापस रॉय ने लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय को अपना इस्तीफा सौप दिया था.जिसके बाद विधानसभा से बाहर निकलते हुए मीडिया से बात करते समय रयय ने कहा कि,तृणमूल कांग्रेस अब मेरे लिए नहीं है मैं एक आज़ाद पंछी हूँ…मैं आप सभी को अपनी अगली कार्रवाई के बारे में बाद में बताऊंगा।
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