April Wedding Dates 2025: हिंदू धर्म में खरमास की अवधि का विशेष महत्व है। यह समय करीब एक महीने तक चलता है और इस दौरान शुभ कार्यों जैसे विवाह, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश, जनेऊ आदि को अशुभ माना जाता है। खरमास तब लगता है जब भगवान सूर्य अपने गुरु बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं। फिलहाल भगवान सूर्य मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके कारण इस समय खरमास चल रहा है। लेकिन, 14 अप्रैल को सुबह 3:30 बजे सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे खरमास का अंत होगा। इसके बाद से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होगी।
अप्रैल में विवाह के शुभ मुहूर्त

बताते चले कि, अप्रैल महीने में विवाह के लिए कई शुभ तिथियां हैं। इन शुभ मुहूर्तों की शुरुआत 14 अप्रैल से होगी। इस दिन वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है, जो विवाह के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इसके बाद, 16 अप्रैल को कृष्ण पक्ष की तृतीया और चतुर्थी है, जो एक और शुभ मुहूर्त है।
अप्रैल में विवाह के अगले शुभ मुहूर्त 18 अप्रैल को है, जब कृष्ण पक्ष की पंचमी और षष्ठी तिथियां होंगी। इसके बाद 19 अप्रैल को कृष्ण पक्ष की षष्ठी और सप्तमी तिथियां विवाह के लिए शुभ रहेंगी। 20 अप्रैल को कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि एक और शुभ मुहूर्त प्रदान करेंगी।
अप्रैल में विवाह का छठा शुभ मुहूर्त 21 तारीख को है, जब वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी और नवमी तिथियां आएंगी। इसके बाद 25 अप्रैल को कृष्ण पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथियां एक और बेहतरीन मुहूर्त प्रदान करेंगी। इसके साथ ही, अप्रैल माह के अंतिम शुभ मुहूर्त का दिन 29 अप्रैल होगा, जब शुक्ल पक्ष की द्वितीया और तृतीया तिथियां होंगी।
अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त

अप्रैल के महीने का सबसे खास मुहूर्त अक्षय तृतीया है, जो 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। यह विशेष मुहूर्त माना जाता है क्योंकि इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किए जा सकते हैं। अक्षय तृतीया के दिन किए गए मांगलिक कार्यों का दोगुना फल मिलता है। इसे अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, और इस दिन विशेष रूप से विवाह और अन्य शुभ कार्यों को बिना किसी शक के किया जा सकता है।
शुभ विवाह मुहूर्त और अक्षय तृतीया की खासियत

अप्रैल का महीना विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए बहुत ही अनुकूल है, खासकर 14 अप्रैल से खरमास समाप्त होने के बाद। इस दौरान कुल नौ शुभ मुहूर्त हैं, जिनमें से अक्षय तृतीया एक महत्वपूर्ण और अबूझ मुहूर्त होगा। इस बार अक्षय तृतीया पर विशेष रूप से विवाह और अन्य मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं, जो भविष्य में शुभ फल देने वाले होंगे।
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