Pakistan Attack:19 फरवरी से पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होना है, लेकिन उससे पहले पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ है। शुक्रवार को हुआ यह धमाका पाकिस्तान के हरनाई जिले में हुआ, जिसमें 17 लोगों की जान चली गई और छह अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हमले ने पूरे पाकिस्तान को दहला दिया है और इसे आतंकी संगठन द्वारा रिमोट कंट्रोल डिवाइस से अंजाम दिया गया।
पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला
पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित हरनाई जिले में यह हमला हुआ। जानकारी के अनुसार, एक ट्रक में कोयला खनिकों को बलूचिस्तान के एक खदान में ले जाया जा रहा था। इसी दौरान घात लगाकर आतंकियों ने ट्रक पर बम विस्फोट कर दिया। ट्रक में कुल 17 खनिक सवार थे, जिनमें से 11 की मौके पर मौत हो गई। शेष छह घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत नाजुक बताई जा रही है।

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में रिमोट कंट्रोल डिवाइस का इस्तेमाल किया गया, जो एक जानबूझकर की गई आतंकी कार्यवाही का हिस्सा था। हालांकि, अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
बलूचिस्तान में बढ़ते आतंकी हमले
बलूचिस्तान प्रांत दशकों से आतंकवाद और अस्थिरता का सामना कर रहा है। यह क्षेत्र खनिज संपदा से भरपूर है, लेकिन यहां के लोग लंबे समय से पाकिस्तान और चीन के बढ़ते प्रभाव का विरोध कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उनके संसाधनों पर पाकिस्तान और चीन का अवैध कब्जा है। यही वजह है कि बलूचिस्तान में लगातार आतंकी हमले और हिंसा की घटनाएं हो रही हैं।

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत बलूचिस्तान में चीन द्वारा बड़े प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं, जिसका विरोध स्थानीय लोग कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि इन परियोजनाओं के तहत उनके प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है और क्षेत्र में स्थिरता नहीं है। इसी कारण से बलूचिस्तान में चीन के नागरिकों और प्रोजेक्ट्स को निशाना बनाया जाता है।
भारत ने सुरक्षा कारणों से नहीं भेजी टीम
भारत ने सुरक्षा कारणों से अपनी क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजने से इंकार कर दिया है। चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट से पहले हुए इस हमले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान में लगातार हो रहे आतंकी हमले और अस्थिरता के कारण भारत ने इस बार पाकिस्तान जाने का फैसला नहीं लिया।
इस हमले ने यह भी साबित कर दिया कि बलूचिस्तान में हालात अब भी सामान्य नहीं हैं और वहां पर सुरक्षा की स्थिति बहुत खतरनाक बनी हुई है।