Aparna Yadav News: उत्तर प्रदेश की सियासत में क्या कुछ नया देखने को मिलने वाला है इसकी अटकलें तब लग रही हैं जब जल्द ही प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इनमें से एक सीट फैजाबाद की मिल्कीपुर है जहां पूर्व सपा विधायक अवधेश प्रसाद लोकसभा चुनाव में जीतकर संसद पहुंचे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए उपचुनाव उनकी साख का सवाल है यही वजह है कि,वह लोकसभा चुनाव में पहले हुई किसी तरह की गलती को दोहराना नहीं चाहते हैं।
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कद के मुताबिक पद नहीं मिलने से नाखुश अपर्णा यादव
विधानसभा उपचुनाव से पहले बीजेपी ने मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर बड़ा सियासी दांव खेला लेकिन लगता है उनका ये सियासी दांव उन्हें फायदा पहुंचाने वाला नहीं है।दरअसल,अपर्णा यादव जब से राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनी हैं तभी से वो कुछ नाराज नजर आ रही हैं हालांकि उपाध्यक्ष बनने के बाद अपर्णा यादव सपा नेता और चाचा शिवपाल यादव से आशीर्वाद लेने पहुंची थी। जिसके बाद सियासी माहौल में और अटकलें लगने लगी।
बीजेपी नेतृत्व से मिलकर अपर्णा यादव ने जताई असहमति
अपर्णा यादव के शिवपाल यादव से मिलने के पीछे कई वजहें तलाशी जा रही हैं हालांकि इनमें कितनी सच्चाई है इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के इस फैसले से अपर्णा यादव नाखुश हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी उनके कद से छोटी है। अपर्णा यादव ने गुरुवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री बेबी रानी मौर्य से मिलकर अपनी नाखुशी जाहिर की है। इसको लेकर अपर्णा यादव से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने बात नहीं की लेकिन इस बीच ये भी खबर सामने आई कि,अपर्णा यादव भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो चुकी हैं।
अन्य पदाधिकारियों ने भी अब तक नहीं ग्रहण किया पद
सियासी जानकारों का मानना है कि,अपर्णा यादव बीजेपी द्वारा दिए इस पद से संतुष्ट नहीं हैं यही वजह है। उन्होंने अपना पदभार ग्रहण नहीं किया है।अपर्णा यादव ने भाजपा नेतृत्व को अपनी बात कह दी है अपर्णा यादव की नाराजगी के कारण अब तक आयोग की अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने भी पदभार ग्रहण नहीं किया है। इससे पहले निकाय चुनाव में भी अपर्णा यादव को मेयर पद का दावेदार बताया जा रहा था लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया। 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अपर्णा यादव बीजेपी में शामिल हुई थी ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि,पार्टी उन्हें चुनाव लड़वाएगी लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। इसके बाद लोकसभा चुनाव में भी अपर्णा यादव के कन्नौज,मैनपुरी,अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ने की अटकलें लगी लेकिन इन अटकलों पर भी विराम लग गया और पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया।
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