Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024(Haryana Assembly Elections 2024) का शंखनाद हो चुका है…इसी के साथ सियासी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरु हो चुका है. सुबह से ही मतदाता अपने मत का इस्तेमाल करने के लिए पोलिंग बूथ पर लंबी कतारों में खड़े नजर आ रहे है. मतदान के दौरान बीजेपी नेता और पूर्व पहलवान बबीता फोगाट (Babita Phogat) ने एक बड़ा बयान दिया है.
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वोट करने की अपील की
बताते चले कि चरखी दादरी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बबीता (Babita Phogat) ने लोकतंत्र के महापर्व में सभी से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और वोट करने की अपील की. उन्होंने कहा, “मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है, हर किसी का अपना फैसला होता है. कोई भी कभी भी किसी भी पार्टी में शामिल हो सकता है. हो सकता है कि विनेश फोगाट ने पहले ही कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय ले लिया हो.”
षड्यंत्र के सवाल पर बबीता का जवाब
बबीता फोगाट (Babita Phogat) से जब यह पूछा गया कि क्या उनके पीछे कोई षडयंत्र था, क्योंकि उन्होंने खुद पहले ऐसी बातें कही थीं, तो इस पर बबीता ने स्पष्ट किया कि विनेश फोगाट ने खुद कहा था कि उनका 2032 तक कुश्ती खेलने का प्लान था. बबीता ने कहा, “जिस खिलाड़ी का 2032 तक खेलने का प्लान था, अगर उसे इससे पहले राजनीति में ले जाया जा रहा है तो यह साफ तौर पर एक षडयंत्र दिखता है.”
भावुकता से भरी पारिवारिक यादें
आपको बता दे कि बबीता (Babita Phogat) ने विनेश फोगाट की फाइनल में डिसक्वालिफिकेशन के बारे में भी बात की और अपने पिता महावीर फोगाट की भावुक प्रतिक्रिया को भी साझा किया. इसी कड़ी में आगे बबीता ने बताया, “मैंने अपने पिता को केवल तीन बार रोते हुए देखा है – मेरी और मेरी बहन की शादी के समय, मेरे चाचा के निधन के समय, और तीसरी बार जब विनेश ओलंपिक के फाइनल से बाहर हो गई थीं. विनेश के बाहर होने पर मेरे पिता की आंखों में आंसू थे.”
महावीर फोगाट का योगदान
इसी कड़ी में आगे बबीता (Babita Phogat) ने आगे कहा कि उनके पिता ने विनेश को कभी अपने पिता की कमी महसूस नहीं होने दी. विनेश ने अपने पिता के निधन के बाद कुश्ती छोड़ दी थी, लेकिन महावीर फोगाट ने उनकी मां से बात कर विनेश को वापस कुश्ती में लौटने के लिए प्रेरित किया. बबीता ने बताया कि जब विनेश सुबह 4 बजे प्रशिक्षण के लिए नहीं पहुंचती थी, तो उनके पिता खुद जाकर उन्हें घर से लाते थे. बबीता ने भावुक होकर कहा, “जब एक कोच इतनी मेहनत करता है और उसे कभी धन्यवाद नहीं मिलता, तो यह बात किसी भी कोच के लिए भावनात्मक रूप से समझ में आने वाली होती है.”
चुनावी माहौल में चर्चा का विषय
बबीता फोगाट (Babita Phogat) के इस बयान ने चुनावी माहौल में नई चर्चा को जन्म दिया है. विनेश फोगाट के राजनीति में आने और उनके परिवार के संघर्षों की इस कहानी ने लोगों के दिलों को छू लिया है. बबीता का बयान न केवल उनके परिवार के संघर्ष और भावनाओं को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीति और खेल के बीच संतुलन बनाना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.