Kasganj News: कासगंज की महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर की निर्मम हत्या के बाद अधिवक्ताओं में गहरा रोष फैल गया है। शनिवार को, जिला प्रशासन के अधिकारियों को बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी मुरादाबाद के पदाधिकारियों और अधिवक्ताओं ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि अधिवक्ता के हत्यारोपियों को 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त, मृतक के आश्रितों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और एक सरकारी नौकरी की मांग की गई।
Read more: Sultanpur: संदिग्ध परिस्थितियों में मिला भाजपा नेता के बेटे का शव, हत्या-दुर्घटना के बीच उलझी गुत्थी
पति ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की तहरीर
मोहिनी तोमर की स्कूटी न्यायालय परिसर में खड़ी मिली थी, जिसके बाद उनके पति ने कोतवाली कासगंज में गुमशुदगी की तहरीर दी। अधिवक्ता के पति विजेंद्र तोमर ने बताया कि दोपहर करीब ढाई बजे वह अपनी पत्नी को न्यायालय के मुख्य द्वार पर छोड़कर आए थे। इसके बाद उनकी पत्नी का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया और वह कहीं लापता हो गईं। इस पर इंस्पेक्टर कासगंज, लोकेश भाटी ने बताया कि गुमशुदगी दर्ज कर ली गई है और मोबाइल लोकेशन के आधार पर महिला की तलाश की जा रही है।
नहर में तैरता हुआ मिला शव
महिला अधिवक्ता की काफी देर तक खोजबीन के बाद, उनका शव अर्धनग्न अवस्था में नहर में तैरता हुआ मिला। शव की स्थिति देखकर यह स्पष्ट हो गया कि उसकी हत्या बेहद निर्मम तरीके से की गई थी। शव की शिनाख्त को रोकने के लिए उसके चेहरे को बुरी तरह से विकृत कर दिया गया था। पुलिस अब जांच में जुटी है कि आखिरकार इस हत्या के पीछे का कारण क्या था।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग
अधिवक्ताओं ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की भी मांग की। इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिन्हा, महासचिव अभिषेक भटनागर, पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार सक्सेना और कई अन्य प्रमुख अधिवक्ता मौजूद रहे। उन्होंने मामले की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में जल्द कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मामले का पूरा विवरण
घटना कासगंज के नदरई मोहल्ला माधोपुरी कॉलोनी की है, जहां रहने वाली मोहिनी तोमर 3 अगस्त की सुबह घर से 11 बजे स्कूटी लेकर न्यायालय गईं थी। दोपहर बाद उन्होंने अपने पति से कलेक्ट्रेट जाने के लिए कार मंगाई और 12:30 बजे कार से अपने पति के साथ गईं। दोपहर 2:30 बजे उनके पति ने उन्हें न्यायालय के गेट पर छोड़ दिया और घर चले आए। शाम को जब महिला घर नहीं पहुंचीं, तो उनके पति ने फोन किया, लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ मिला। इसके बाद काफी खोजबीन के बावजूद महिला का कोई पता नहीं चल सका।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही खुलासा करने का आश्वासन दे रही है। पूरे मामले के बारे में जांच के लिए कई पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है और अपराधियों को जल्द पकड़े जाने की उम्मीद की जा रही है।
समाज और सुरक्षा व्यवस्था में कहीं न कहीं ढिलाई
इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे समाज और सुरक्षा व्यवस्था में कहीं न कहीं ढिलाई है? अधिवक्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे सही हैं, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या हम सच में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने में सक्षम हैं? प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले को प्राथमिकता से लेकर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि न्याय की उम्मीद बनी रहे। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग भी इस बात की ओर इशारा करती है कि हमें अपने पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।