डोनाल्ड ट्रंप अगले साल अमेरिका में होने वाला राष्ट्रपति चुनाव ना ही लड़ पाएंगे और ना ही इसमें वोट डाल पाएंगे। कोलोराडो की अदालत ने कैपिटल हिंसा मामले में मंगलवार को ट्रंप को अमेरिका के संविधान के तहत राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य करार दिया है।
Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर डोनाल्ड ट्रंप अपना चुनाव अभियान तेज किए हुए थे। अमेरिका की एक अदालत ने ट्रंप को 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सचिव को आदेश दिया कि ट्रंप का नाम रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के मतदान से बाहर किया जाए। अब न ट्रंप चुनाव लड़ पाएंगे और न ही वोट डाल पाएंगे। यह मामला 6 जनवरी 2021 का है। हालांकि अभी उनके पास 4 जनवरी तक अपील करने की मोहलत है, जहां से उन्हें राहत मिल सकती है।
कोर्ट ने ट्रंप के फ्री स्पीच के दावों को किया खारिज…
इसके अलावा कोर्ट ने ट्रंप के फ्री स्पीच के दावों को खारिज कर दिया। साथ ही साथ कहा कि 6 जनवरी को ट्रंप का भाषण प्रथम संशोधन द्वारा संरक्षित नहीं था। दरअसल, गृहयुद्ध के बाद अनुमोदित 14वें संशोधन में कहा गया है, कि जो अधिकारी संविधान का समर्थन करने की शपथ लेते हैं, यदि वे विद्रोह में शामिल होते हैं तो उन्हें भविष्य में काम करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाता है। हालांकि इसमें स्पष्ट रूप से राष्ट्रपति पद का उल्लेख नहीं है और 1919 के बाद से इसे केवल दो बार लागू किया गया है।
आम चुनाव पर पड़ सकता है असर…
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अमेरिका के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी राष्ट्रपति उम्मीदवार को व्हाइट हाउस की रेस में शामिल होने से पहले अयोग्य करार दे दिया गया है। हालांकि, यह फैसला कोलोराडो के 5 मार्च के रिपब्लिकन प्राइमरी पर लागू होता है, लेकिन इसका असर 5 नवंबर के आम चुनाव को प्रभावित कर सकता है। बता दें कि ट्रम्प ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही है।
क्या है पूरा मामला और ट्रंप क्यों घोषित किए गए अयोग्य?
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को 6 जनवरी 2021 को अमेरिकी कैपिटल में दंगा भड़काने के मामले में राष्ट्रपति पद और वोट देने से अयोग्य घोषित किया गया है। बता दें कि साल 2020 में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 6 जनवरी 2021 को ट्रंप के समर्थकों ने अमेरिकी संसद यानी कैपिटल हिल को घेर लिया था। कुछ समर्थक कैपिटल हिल में घुस भी गए थे और तोड़-फोड़ किया था। कैपिटल हिंसा के बाद इसकी जांच अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) को सौंपी गई थी।