UP Madarsa Act : उत्तर प्रदेश के 16 हजार मदरसों में पढ़ने वाले करीब 17 लाख छात्रों के भविष्य पर छाया अंधेरा अब दूर हो गया है.सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मदरसा संचालको की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए एक बड़ा फैसला लिया है.जिसमें शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मदरसा एजुकेशन बोर्ड को असंवैधानिक करार दिए जाने वाले आदेश पर रोक लगा दी है.मदरसा संचालको द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा,हाईकोर्ट ने मदरसा एक्ट के प्रावधानों को समझने में भूल की है.इलाहाबाद हाई कोर्ट का ये मानना है कि,ये एक्ट धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है ये गलत है।
उत्तर प्रदेश मदरसा एक्ट को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मदरसा बोर्ड की तरफ से पक्ष रखने वाले वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा,हाईकोर्ट का अधिकार नहीं बनता कि इस एक्ट को रद्द करे इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से 17 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं.जबकि करीब 25 हजार मदरसे प्रभावित हुए हैं,ये लगभग 125 साल पुराना है, 1908 से मदरसा रजिस्टर हो रहे हैं।
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केंद्र और यूपी सरकार को भी भेजा नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओ पर केंद्र, यूपी सरकार, यूपी मदरसा एजुकेशन बोर्ड को नोटिस जारी किया है.शीर्ष अदालत ने यूपी और केंद्र सरकार को 31 मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
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SIT ने की थी मामले की जांच
उत्तर प्रदेश सरकार ने अक्टूबर, 2023 में मदरसों की विदेश से हो रही फंडिंग की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था.एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में 8 हजार मदरसों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी.एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक सीमावर्ती इलाकों में 80 मदरसों को 100 करोड़ से ज्यादा का विदेशी फंड मिला है।
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22 मार्च को इलाहाबाद HC ने दिया था ये आदेश
दरअसल, 22 मार्च को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ बताया था.हाई कोर्ट ने राज्य में मदरसों और उनमें पढ़ने वाले छात्रों की बड़ी संख्या के मद्देनजर यूपी सरकार से कहा था कि,वो मदरसों में पढ़ रहे बच्चों को औपचारिक शिक्षा देने वाले दूसरे स्कूलों में शामिल करे.इसके लिए अगर जरूरत हो तो नए स्कूल खोले जाएं।
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“हाईकोर्ट ने मदरसा एक्ट के प्रावधानों को समझने में भूल की”
उत्तर प्रदेश मदरसा एक्ट को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा,हाईकोर्ट ने मदरसा एक्ट के प्रावधानों को समझने में भूल की है. हाईकोर्ट का ये मानना है कि,मदरसा एक्ट धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है और ये गलत है।