Hathras: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत को लेकर विपक्ष प्रदेश सरकार और प्रशासन पर लगातार हमलावर बना हुआ है. 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में सत्संग में आए 123 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी बाबा के सत्संग में प्रशासन की ओर से केवल 80 हजार लोगों के पहुंचने की अनुमति थी जिसको लेकर वहां पर खासी तैयारियां भी की गई थी लेकिन बाबा के सत्संग में करीब ढाई लाख लोगों की मौजूदगी रही जिससे वहां भगदड़ मच गई और भगदड़ में 123 निर्दोष लोगों की मौत हो गई।
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सपा प्रमुख ने हाथरस हादसे में कार्रवाई पर उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 123 लोगों की मौतों पर योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि,सरकार हाथरस हादसे में छोटी-छोटी गिरफ्तारियां कर अपनी जिम्मेदारियों से पाल झाड़ रही है.सपा प्रमुख ने कहा कि,मामले में की जा रही गिरफ्तारियां अपने आप में एक षड्यंत्र है.हाथरस हादसे पर की जा रही कार्रवाई को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं….उन्होंने कहा कि,मामले में की जा रही गिरफ्तारी स्वयं में एक षड्यंत्र है…इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच की जानी चाहिए।
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मामले में हुई गिरफ्तारी एक षड्यंत्र है-अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि,उत्तर प्रदेश शासन प्रशासन हाथरस हादसे में अपनी नाकामी छिपाने के लिए छोटी-मोटी गिरफ्तारियां दिखाकर सैकड़ों लोगों की मौत से अपनी जिम्मेदारी का पल्ला झाड़ना चाहता है.अखिलेश यादव ने कहा,अगर ऐसा हुआ तो इसका मतलब ये निकलेगा कि इस तरह के आयोजन में हुई शासनिक-प्रशासनिक विफलता से किसी ने कोई सबक नहीं लिया और ऐसी दुर्घटनाएं भविष्य में भी दोहरायी जाती रहेंगी।
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि,शासन-प्रशासन किसी खास मंशा से व्यर्थ में ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर रहा है जो मूल आयोजन स्थल से दूर थे और गिरफ्तारी के बाद उनको ही दोषी ठहराये जाने की तैयारी कर रहा है.ये गिरफ्तारियां स्वयं में एक षड्यंत्र हैं.इन गिरफ्तारियों की तुरंत न्यायिक जांच हो जिससे उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का खेल जनता के सामने लाया जा सके।
अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि ऐसे आयोजन से उसका कोई लेना-देना नहीं था तो फिर भाजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं….इस कार्यक्रम में आए अधिकांश गरीब लोग दुखी, शोषित, पीड़ित,वंचित और दमित थे.इस आधार पर इसका मतलब तो ये भी निकलता है कि,ऐसे लोगों से भाजपा सरकार का कोई सरोकार नहीं है जबकि सबसे पहले सरकार का ध्यान ऐसे लोगों की तरफ ही जाना चाहिए।
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