Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra assembly election) में दो प्रमुख गठबंधन महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच सीधी टक्कर है इन दोनों गठबंधन में जहां भाजपा और कांग्रेस मुख्य रुप से एक दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं तो वहीं एनसीपी और शिवसेना जो अब दो गुटों में बंट चुकी है वह भी महाविकास अघाड़ी और महायुति दोनों गठबंधन में शामिल है।महायुति में जहां एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना शामिल है तो वहीं कांग्रेस के साथ महाविकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना जबकि अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाली एनसीपी भाजपा के साथ है और एनसीपी शरद पवार कांग्रेस के साथ महाविकास अघाड़ी में शामिल है।
Read More: पप्पू यादव के बाद अब Giriraj Singh को मिली जान से मारने की धमकी…अमजद 1531 नाम से आई फोन कॉल
अजित पवार की एनसीपी ने नवाब मलिक को दिया टिकट
इस बीच महायुति में अजित पवार गुट की एनसीपी की ओर से नवाब मलिक (Nawab Malik) को टिकट देने पर बवाल खड़ा हो गया है भारतीय जनता पार्टी ने नवाब मलिक का खुलकर विरोध कर दिया है भाजपा नेता किरीट सोमैया ने यहां तक कह दिया कि,भाजपा नवाब मलिक के लिए प्रचार नहीं करेगी बल्कि उनको हराने के लिए लड़ेगी।
नवाब मलिक के विरोध में खुलकर सामने आई बीजेपी
आपको बता दें कि,नवाब मलिक (Nawab Malik) के लिए शुरु से ही भाजपा विरोध में रही है यही कारण है कि,एनसीपी की ओर से उनकी बेटी सना मलिक को अणुशक्ति नगर से टिकट दिया गया जबकि इस सीट से नवाब मलिक 5 बार के विधायक रहे हैं।नामांकन के आखिरी क्षणों में अजित पवार ने नवाब मलिक को क्यों मानखुर्द शिवाजी नगर से टिकट दिया यह सवाल सभी के मन में उठ रहा है क्योंकि इससे पहले ही नवाब मलिक ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया था।
नवाब मलिक के जरिए मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश!
आखिर अजित पवार (Ajit Pawar) की ऐसी क्या मजबूरी रही कि,बीजेपी के विरोध के बावजूद उन्हें नवाब मलिक को टिकट देना पड़ा इसकी कई सारी वजहें हैं जिनके बारे में आपको बताते हैं-दरअसल नवाब मलिक (Nawab Malik) महाराष्ट्र की राजनीति में मुस्लिम वोटरों के रुप में एक प्रमुख चेहरा हैं जिनके दम पर अजित पवार मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में करना चाहते हैं इसके साथ नवाब मलिक एनसीपी के एक बड़े चेहरे के तौर पर हमेशा से रहे हैं लोकसभा चुनाव में उनकी अनदेखी की वजह से अजित पवार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था.
लोकसभा चुनाव में एनसीपी को केवल 4 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिला था जबकि 288 विधानसभा सीटों में से भी सबसे कम सीटें चुनाव लड़ने के लिए महायुति में एनसीपी को मिली है इस वजह से पार्टी के भीतर भी उनका विरोध होने लगा था सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अजित पवार (Ajit Pawar) के साथ शामिल पार्टी नेता यह कहने लगे कि,भाजपा के दबाव में अजित पवार कुछ ज्यादा ही समझौता कर रहे जिसकी वजह से उनका नुकसान हो रहा इसलिए भी अजित पवार ने खुद को साबित करने के लिए आखिरी क्षणों में नवाब मलिक को टिकट देकर बीजेपी को चौंका दिया।
Read More: बॉक्स ऑफिस पर ‘Singham Again’ और ‘भूल भुलैया 3’ के बीच तगड़ा मुकाबला,फिल्म की एडवांस बुकिंग हुई शुरू