Digital Arrest: देश में लगातार डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के जरिए बढ़ते ठगी के मामलों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त कदम उठाए हैं. ठगी के इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जो डिजिटल अरेस्ट मामलों की जांच कर रही और संबंधित एजेंसियों या पुलिस की जांच की निगरानी करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी हाल ही में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इस मुद्दे पर चिंता जताई थी और लोगों को डिजिटल अरेस्ट से बचने का मंत्र दिया था.
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गृह मंत्रालय के विशेष सचिव समिति के अध्यक्ष होंगे

बताते चले कि, इस समिति की अगुवाई विशेष सचिव (Internal Security) करेंगे, जिन्हें अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र, जिसे 14सी के नाम से भी जाना जाता है, ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को इस समिति के बारे में जानकारी दी है. सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव नियमित रूप से इस समिति की निगरानी करेंगे, जिससे डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के मामलों पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.
डिजिटल अरेस्ट के आंकड़े

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, देशभर में 2024 में अब तक डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के 6,000 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं. साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इनमें से बड़ी संख्या में घोटालों में शामिल 6 लाख से अधिक मोबाइल नंबर ब्लॉक किए हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स के मामलों में झूठे आरोप लगाकर लोगों को ठगने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे. इसके अतिरिक्त, केंद्र ने 709 संदिग्ध मोबाइल एप्लिकेशन को भी ब्लॉक किया है.
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पीएम मोदी ने देशवासियों को सतर्क किया

पीएम मोदी ने 27 अक्टूबर को अपने ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड में देशवासियों को डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के बारे में सतर्क किया था. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे ‘रुको, सोचो, और एक्शन लो’ के मंत्र का पालन करें ताकि वे इस तरह की धोखाधड़ी से बच सकें. गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए 2024 की पहली तिमाही के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि जनवरी से अप्रैल के बीच डिजिटल अरेस्ट के जरिये 120 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हो चुकी है.
दक्षिण एशियाई देशों से ऑपरेट हो रही है ठगी
गृह मंत्रालय (Home Ministry) के अधीन भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने जनवरी से अप्रैल 2024 तक के डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) मामलों का विश्लेषण किया, जिससे पता चला कि इस तरह की ठगी के अधिकतर मामलों का संचालन दक्षिण एशियाई देशों जैसे कम्बोडिया, लाओस और म्यांमार से किया जा रहा है. इन देशों से 46% से अधिक ठगी के मामले ऑपरेट हुए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, अब तक भारत में इस प्रकार की ठगी से करीब 1776 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
डिजिटल अरेस्ट से निपटने की दिशा में सरकार के कदम

सरकार का यह कदम डिजिटल ठगी पर अंकुश लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने स्पष्ट किया है कि समिति की निगरानी में कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि देश में डिजिटल अरेस्ट के जरिए हो रही ठगी पर नियंत्रण पाया जा सके. इस प्रकार, डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के बढ़ते मामलों को रोकने और नागरिकों को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने अहम कदम उठाए हैं, जो भविष्य में इन घटनाओं में कमी लाने में सहायक होंगे.