PMO News: अजित डोवाल तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाये गए है। नरेंद्र मोदी सरकार के 3.O कार्यकाल में अजित डोवाल को फिर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया गया है। यह जानकारी एक आधिकारिक पत्र द्वारा दी गई है। यह आदेश 10 जून से प्रभावी होगा। आपको बता दें कि अजित डोवाल तीसरी बार इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किए गए हैं।
पीके मिश्रा बने पीएम के प्रधान सचिव
सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पीके मिश्रा को पीएम के प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा की गई है। पीके मिश्रा का कार्यकाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही पूरा होगा या फिर अगले आदेश तक जारी रहेगा। मिली जानकारी के अनुसार, उन्हें वरीयता तालिका में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अजित डोवाल और पीके मिश्रा की पुनर्नियुक्ति पर अपनी स्वीकृति दे दी है। पीके मिश्रा, जो 1972 बैच के आईपीएस (IPS) अधिकारी हैं, पिछले एक दशक से प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्रधान सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं। पीके मिश्रा प्रशासनिक मामलों और पीएमओ (PMO) में नियुक्तियों का काम देखेंगे। वहीं, अजित डोवाल राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य मामले के साथ ही इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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कौन हैं अजीत डोभाल?
अजित डोवाल भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (Research and Analysis Wing) के पूर्व प्रमुख और वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं। वे भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1968 बैच के अधिकारी हैं। उनके जीवन और करियर की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां इस प्रकार हैं: अजित डोवाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर मिलिट्री स्कूल से प्राप्त की और फिर आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर्स डिग्री हासिल की। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी के रूप में की। इसके बाद उन्होंने खुफिया ब्यूरो (IB) में लंबे समय तक सेवा दी, जहां उन्होंने उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ कई सफल ऑपरेशनों का नेतृत्व किया।
डोवाल ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, पंजाब में आतंकवाद विरोधी अभियान और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे सात साल तक पाकिस्तान में अंडरकवर एजेंट के रूप में भी काम कर चुके हैं। डोवाल को 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने। उन्होंने डोकलाम संकट, उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक, और पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर देश की सुरक्षा नीतियों का नेतृत्व किया। डोवाल को 1988 में कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, जो शांति के समय दिया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा सैन्य पुरस्कार है। वे इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले पुलिस अधिकारी हैं। अजित डोवाल की रणनीतिक सोच और उनके उत्कृष्ट सेवा ने उन्हें भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।