Owaisi News : देश में सीएए लागू होने के बाद से ही शुरु हुआ इसका विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है.केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सीएए लागू करने की अधिसूचना पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं.ओवैसी ने सीएए को लेकर भारतीय जनता पार्टी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर हमला बोला है.असदुद्दीन ओवैसी ने हिमंत बिस्वा सरमा के इस बयान पर कि,असम में आयोजित एनआरसी में सूचीबद्ध 12 लाख हिंदुओं को सीएए के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी लेकिन 1.5 लाख मुसलमानों का क्या? लोग कह रहे हैं तुरंत कुछ नहीं होने वाला है….मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि,चीजों को सामने आने में समय लगता है।
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CAA को लेकर ओवैसी का BJP पर निशाना
सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में ओवैसी ने बताया है कि,संशोधित कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.ये कानून आर्टिकल 14,25 और 21 का उल्लंघन करता है…इसलिए इस पर जब तक सुनवाई होती है इस कानून को लागू करने पर रोक लगा देनी चाहिए।ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान पर कहा कि,सरकार को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले सभी लोगों को एक ही नजरिये से देखना चाहिए…..धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं देनी चाहिए।
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धर्म के आधार पर नहीं बन सकता कानून-ओवैसी
आपको बता दें कि,सीएए की अधिसूचना जारी होने पर इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि,धर्म के आधार पर कोई कानून नहीं बनाया जा सकता है..इस पर सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय भी हैं,ये समानता के अधिकार के खिलाफ है…आप हर धर्म के लोगों को नागरिकता की अनुमति दे रहे हैं लेकिन इस्लाम धर्म के लोगों को नागरिकता नहीं दे रहे हैं।
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CAA के खिलाफ SC में कई याचिकाएं दायर
सीएए को लागू करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं.इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की ओर से कहा गया है कि,सीएए के तहत मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने की अस्थायी अनुमति दी जाए और उनकी पात्रता पर एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए।गौरतलब है कि,केंद्र सरकार द्वारा सीएए को लागू करने के आदेश के बाद पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए हिंदू,सिख,जैन,पारसी,बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।