Agra Crime News: आगरा में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक युवक को जिंदा गड्ढे में दफना दिया गया। उसने यह आरोप क्षेत्र के दबंगों पर लगाया है। इस घटना के बाद से पूरा क्षेत्र सकते में आ गया। घायल युवक, रूपकिशोर, को एक घंटे से ज्यादा समय तक गड्ढे में दबा रहा था। जब जंगली जानवरों ने उसे नोचना शुरू किया, तब उसे होश आया और वह किसी तरह गड्ढे से बाहर निकलकर पास की बस्ती में पहुंचा। फिलहाल, रूपकिशोर अस्पताल में भर्ती है और 13 दिनों से उसका इलाज चल रहा है। अब पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मरा समझ जिंदा दफनाया
18 जुलाई की रात को चार युवक – अंकित, गौरव, करन और आकाश – रूपकिशोर के पास पहुंचे और कहा कि प्रधान पुष्पेंद्र ने उसे बुलाया है। रूपकिशोर उनके साथ चला गया। चारों युवकों ने उसे गांव के बाहर खेतों की ओर ले जाकर बुरी तरह पीटा। रूपकिशोर की टीशर्ट से उसके गले में फंदा बनाकर उसे घसीटते हुए ले गए। मारपीट करने के बाद, उसे मरा हुआ समझकर यमुना किनारे रेत में गड्ढा खोदकर दफना दिया।
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माँ की तहरीर पर पुलिस ने की कार्रवाई
अरतौनी की रहने वाली रामवती ने थाना सिकंदरा में तहरीर दी कि 18 जुलाई को उनके क्षेत्र में दो पक्षों में विवाद हुआ था। एक पक्ष का एक व्यक्ति उनके घर के बाहर खड़े होकर गालियां दे रहा था, जिस पर उनके बेटे रूपकिशोर ने उसे वहां से जाने को कहा। उसी रात चार युवक रूपकिशोर के पास पहुंचे और प्रधान पुष्पेंद्र के बुलावे का हवाला देकर उसे साथ ले गए। चारों युवकों ने उसे यमुना की तलहटी पर ले जाकर बुरी तरह पीटा और मरा हुआ समझकर रेत में गड्ढा खोदकर दफना दिया।
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जंगली जानवरों ने बचाई जान
रूपकिशोर का खून सूंघकर कुछ कुत्ते गड्ढे पर पहुंचे और उसके आसपास चक्कर लगाने लगे फिर उसके बाद बेहोश रूपकिशोर को नोचने लगे। दर्द के कारण रूपकिशोर होश में आया और किसी तरह गड्ढे से निकलकर पास की बस्ती में जा पहुंचा। वहां उसने लोगों को पूरी घटना की जानकारी दी और अपने परिजनों का नंबर दिया। सूचना पर परिजन पहुंचे और उसे अस्पताल ले गए। रूपकिशोर ने बताया कि सात लोगों ने मिलकर उसे मारा और फिर जिंदा दफना दिया।
पीड़ित परिवार ने सुनाई आपबीती
रूपकिशोर की मां और भाई दीपक का कहना है कि वे लोग 19 जुलाई को रूपकिशोर को लेकर थाना सिकंदरा पहुंचे थे। पुलिस ने तहरीर लेकर मेडिकल करवाया, पर कार्रवाई नहीं की। कई दिनों तक पुलिस के चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार वकील के साथ जाकर पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड से शिकायत की। उनके आदेश पर पुलिस ने पीड़ित परिवार को बुलाकर दोबारा तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज किया है।
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पुलिस का बयान
इस मामले में पुलिस अधिकारी का कहना है कि मामला प्रथम दृष्टया मारपीट का है। इसी वजह से मारपीट का मुकदमा दर्ज किया गया है। आगामी जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
परिवार को न्याय की उम्मीद
यह घटना समाज के लिए एक कड़ा संदेश है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नागरिकों को सतर्क और सक्रिय रहना होगा। पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है और दोषियों को उनके किए की सजा मिलेगी। इस तरह की घटनाएं समाज में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा करती हैं, जिसे खत्म करना आवश्यक है। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।