Punjab News: मोहाली पुलिस ने गन प्वाइंट पर लूटपाट और वाहन चोरी करने वाले गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि इन आरोपियों में एक युवक भारतीय सेना में अग्निवीर (Agniveer) सिपाही भी शामिल है। अग्निवीर सिपाही इश्मीत सिंह उर्फ ईशू, इस गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इसके साथ ही उसके भाई प्रभप्रीत सिंह उर्फ प्रभ और बलकरन सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। तीनों की उम्र 18 से 22 साल के बीच है। पुलिस ने इनके कब्जे से एक डिजायर टैक्सी, एक्टिवा और बुलेट मोटरसाइकिल बरामद की हैं, जिन पर फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी। इसके अलावा एक देसी पिस्तौल 315 बोर, तीन कारतूस, और दो लूटे गए मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।
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लूटपाट और वाहन चोरी की वारदातें
पंजाब पुलिस ने बुधवार को स्नेचिंग के आरोप में अग्निवीर सहित दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपी इश्मीत सिंह ने 12वीं पास की है और वही लूटे हुए वाहनों के जाली कागजात तैयार करता था। तीनों आरोपी बिना रजिस्ट्रेशन के बलौंगी में किराये के पीजी में रह रहे थे। मास्टरमाइंड इश्मीत का भाई प्रभप्रीत पहले मोहाली में टैक्सी चलाता था। आरोपियों ने पिछले दो महीने से बलौंगी में पीजी लेकर रह रहे थे और वारदात करने के बाद फाजिल्का भाग जाते थे। आरोपी गन प्वाइंट पर टैक्सी गाड़ियां लूटते थे और उन पर जाली नंबर प्लेट लगाकर आगे वारदातों को अंजाम देते थे।
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कैसे पकड़ में आए आरोपी
तीनों आरोपियों को पुलिस ने फाजिल्का एरिया से गिरफ्तार किया है। पुलिस को इनपुट मिली थी कि एक गैंग वाहन चोरी और अवैध हथियारों की नोक पर गाड़ियां लूटता है। आरोपियों के खिलाफ सदर कुराली थाने में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों ने 20/21 जुलाई की रात इन ड्राइव एप के माध्यम से कैब बुक करवाई। कैब जिस फोन के माध्यम से बुक करवाई वह फोन आरोपियों ने लुधियाना के एक व्यक्ति से छीना था। कैब चालक मनिंदर ने सुबह चार बजे इडस्ट्रियल एरिया से उक्त आरोपियों को पिक किया और उन्हें चप्पड़चिड़ी ले जा रहा था। एक सुनसान जगह पर आरोपियों ने गन प्वाइंट पर उसकी कार और 2500 रुपये छीनकर फरार हो गए थे। मनिंदर के बयान पर बलौंगी थाने में लुटेरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
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अग्निवीर योजना की विफलता
2022 में अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती हुए इश्मीत सिंह की तैनाती पश्चिम बंगाल में थी। वह एक महीने की छुट्टी पर आया था, लेकिन ड्यूटी पर वापस नहीं लौटा। पुलिस के अनुसार, इश्मीत अपने भाई प्रभप्रीत सिंह और दोस्त बलकरन सिंह के साथ बलौंगी में किराए के घर में रहने लगा था और चोरी और स्नैचिंग में शामिल हो गया था। इश्मीत ने पुलिस को बताया कि उसने यूपी के कानपुर से हथियार खरीदे और मोहाली के बलौंगी में कारें स्नैच करना शुरू कर दिया।
भविष्य की चिंता और अपराध की ओर झुकाव
इश्मीत को अग्निवीर योजना के तहत 20,000 रुपये का मामूली वेतन मिलता था। वह अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित था, इसलिए वह सेना में वापस नहीं जाना चाहता था। ऐसा लगता है कि उसने अपराध करने का मन ही बना लिया था क्योंकि वह हथियार खरीदने के लिए उत्तर प्रदेश के कानपुर गया था, जिसका इस्तेमाल उसने कार चोरी करने में किया। पुलिस के अनुसार, इशु इस इलाके में चोरी और स्नैचिंग के कई मामलों में आरोपित था।
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अग्निवीर योजना की समीक्षा की आवश्यकता
यह घटना अग्निवीर योजना के संभावित विफलताओं को उजागर करती है। युवाओं के मन में योजना को लेकर भय और अनिश्चितता बनी हुई है। सरकार को इस योजना की समीक्षा करनी चाहिए और युवाओं को उनके भविष्य को लेकर स्पष्टता प्रदान करनी चाहिए। मोहाली पुलिस द्वारा किए गए इस ऑपरेशन ने एक गंभीर मुद्दे को उजागर किया है। अग्निवीर योजना के तहत भर्ती किए गए युवाओं के सामने भविष्य की अनिश्चितता और योजनाओं की कमी के कारण वे अपराध की ओर झुकाव कर रहे हैं। सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए सुधार करने की आवश्यकता है ताकि ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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