तुर्की के बाद अब उत्तर अफ्रीका के देश मोरक्को में भूकंप ने भीषण तबाही मचा दी है. इस विनाशकारी भूकंप से अब तक दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. आपको बता दें स्थानीय अधिकारी के मुताबिक, भूकंप से सबसे ज्यादा मौतें पर्वतीय क्षेत्रों में हुई है. मोरक्को के हाई एटलस पर्वतों में आए भूकंप की वजह से देश के सबसे नजदीकी शहर मराकेश में कई ऐतिहासिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं.

अल-हौज़ और तरौदंत प्रांतों के लोग हताहत
आपको बता दें मोरक्को के हाई एटलस पर्वतों में आए भूकंप की वजह से देश के सबसे नजदीकी शहर मराकेश में कई ऐतिहासिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. हालांकि, भूकंप की वजह से सबसे ज्यादा हताहत अल-हौज़ और तरौदंत प्रांतों के दक्षिण में पहाड़ी क्षेत्रों में लोग हुए हैं. भूकंप के बाद कई इमारतों के मलबे सड़कों पर बिखरे पड़े हैं. इस वजह से खोज और बचाव अभियान के लिए सड़कें साफ करने की कोशिश की जा रही है.
वही मोरक्को में शुक्रवार को आए भीषण भूकंप में अभी तक 2 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मोरक्को के आंतरिक मंत्रालय बयान जारी करते हुए कहा कि भीषण भूकंप में 2,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और कम से कम 2,000 अन्य घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है. बयान के मुताबिक, 2,012 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 2,059 घायल हुए हैं, जिनमें 1,404 की हालत गंभीर है

. तुर्की में आया था ऐसा विनाशकारी भूकंप
इस तरह का विनाशकारी भूकंप हाल ही में तुर्की में महसूस किया गया था, जिसमें 45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. तुर्की में 6 फरवरी 2023 की सुबह भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे. भूकंप का पहला झटका सुबह 4.17 बजे आया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था.
6.8 की तीव्रता का रहा भूकंप
वही कैसाब्लांका से मराकेश तक देश के कई इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए जिसके बाद कई ईमारतें ध्वस्त हो गईं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप स्थानीय समयानुसार शुक्रवार (शाम 6 बजे ईटी) आया और इसकी गहराई 18.5 किलोमीटर (11.4 मील) रही. भूकंप का केंद्र मराकेश से 71 किमी (44 मील) दक्षिण-पश्चिम में उच्च एटलस पर्वत में था.

बचाव और राहत कार्य जारी
माना जा रहा है कि कई लोग अभी भी मलबे में दबे हैं और बचाव प्रयास जारी हैं. कई शव पहले ही बरामद किये जा चुके हैं. मृतकों का आंकड़ा और बढ़ने की पूरी उम्मीद है. देश के शाही महल ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. इसमें यह भी कहा गया कि सशस्त्र बल प्रभावित क्षेत्रों को स्वच्छ पेयजल, खाद्य आपूर्ति, तंबू और कंबल उपलब्ध कराने के लिए बचाव दल तैनात करेंगे.
मोरक्को में 3 दिन का राष्ट्रीय शोक
मोरक्को में तबाही मचा चुके भूकंप के बाद तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. राजा मोहम्मद VI ने इसकी घोषणा की. इस दौरान सभी सार्वजनिक भवनों पर झंडे आधे झुके रहेंगे. US जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक उत्तरी अफ्रीका में भूकंप काफी दुर्लभ है. इससे पहले साल 1960 में अगादिर के पास 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था, तब भी हजारों लोगों की जान गई थी.

यूनेस्को की हेरिटेज साइट को भी नुकसान
जानकारी के मुताबिक भूकंप से यूनेस्को की हेरिटेज साइट को भी नुकसान पहुंचा है. मोरक्को के माराकेश के पुराने शहर में स्थित यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में शामिल जेमा अल-फना स्क्वायर में एक मस्जिद की मिनार गिर गई.
साथ ही भूकंप के केंद्र मराकेश शहर में रहने वाले एक शहरी ब्राहिम हिम्मी ने एजेंसी को बताया कि भूकंप के चलते कई पुरानी इमारतें ढह गई और उसने पुराने शहर से एक के बाद एक एम्बुलेंस निकलते हुए देखीं. उन्होंने कहा कि लोग डरे हुए हैं और दूसरे भूकंप की आशंका के चलते घरों
यहां रहा भूकंप का सेंटर
जानकारी के अनुसार भूकंप का एपिसेंटर एटलस पर्वत के पास इघिल नाम का गांव बताया जा रहा है. ये गांव माराकेश शहर से 70 किलोमीटर दूर है. मोरक्को में आए भूकंप की गहराई जमीन से 18.5 किलोमीटर नीचे थी. इसके अलावा पुर्तगाल और अल्जीरिया में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.

1960 के बाद से मोरक्को का सबसे खतरनाक भूकंप
भूकंप के केंद्र के पास के स्थानीय निवासी मोंटासिर इतरी का कहना है, “अधिकांश घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. हमारे पड़ोसी मलबे के नीचे हैं और लोग गांव में उपलब्ध साधनों का उपयोग करके उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं.”
वहीं, स्थानीय शिक्षक हामिद अफकार का कहना है कि भूकंप के झटके महसूस होते ही वह अपने घर से भाग गए थे. उन्होंने कहा, ” लगभग 20 सेकंड तक पृथ्वी हिलती रही. जैसे ही मैं दूसरी मंजिल से नीचे की ओर भागा, दरवाजा अपने आप खुल गया और बंद हो गया.”
बताया जा रहा है कि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, 1960 के बाद से यह मोरक्को का सबसे खतरनाक भूकंप है. 1960 में आए भूकंप से कम से कम 12,000 लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया था. तीव्रता के लिहाज से इतिहास का भयानक भूकंप 1960 में ही चिली में दर्ज किया गया था. से बाहर निकल आए हैं. सोशल मीडिया पर भूकंप से जुड़े हैरान करने वाले फोटो और वीडियो शेयर किए जा रहे हैं

भारत हर संभव मदद के लिए तैयारः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरक्को में भूकंप से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है साथ ही दिल्ली में हुई G20 में भी पीएम ने संवेदना व्यक्त की . उन्होंने एक्स (ट्वीट) करते हुए लिखा, “मोरक्को में भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि से अत्यंत दुख हुआ. इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है.”