Puri Shreemandir Ratna Bhandar: ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर का बहुप्रतीक्षित पवित्र रत्न भंडार आज खुलने जा रहा है। ये बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि रत्न भंडार को खोलने का वादा चुनावी घोषणा पत्र में भी किया गया था। बता दें कि 46 साल बाद जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार खुलेगा।वहीं रत्न भंडार के खजाने को खोलते समय उसमें रखे रत्नों की मरम्मत और उनकी गिनती की जाएगी।
इसके साथ ही रत्न भंडार में मौजूद आभूषणों की संख्या, गुणवत्ता, वजन, और उनकी फोटो का पूरा डिजिटल कैटलॉग भी तैयार किया जाएगा, ताकि भविष्य में इसे रिफरेंस दस्तावेज के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके।
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46 साल बाद खुलेगा जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार
मंदिर प्रशासन को रत्न भंडार खोलने के लिए संपूर्ण एसओपी (SOP) सौंप दी गई है, जिसका पालन किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के दौरान मंदिर प्रशासन द्वारा सभी सुरक्षा और संरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।रत्न भंडार का खुलना न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रशासनिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक बड़ी बात है।
श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में इस ऐतिहासिक क्षण को लेकर काफी उत्साह है। मंदिर प्रशासन ने इस क्षण को व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से संचालित करने का आश्वासन दिया है, जिससे सभी महत्वपूर्ण आभूषणों और रत्नों का सही-सही हिसाब-किताब रखा जा सके।
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जगन्नाथ मंदिर का यह रत्न भंडार दो भागों में बंटा हुआ है।
- भीतरी भंडार
- बाहरी भंडार
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मौजूद रहेगी विशेषज्ञों की टीम
रत्न भंडार को खोलते समय मंदिर ट्रस्ट के लोगों के अलावा ASI की टीम और विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे. ताकि खजाने से जुड़े हर पहलू की अच्छी तरह जांच की जा सके. साथ ही उस समय होने वाली किसी भी समस्या से निपटा जा सके। दरअसल यह खजाना आज से 46 साल पहले 1978 में आखिरी बार खोला गया था। लिहाजा 46 सालों से बंद खजाने को खोलने के लिए हर तरह से तैयारी की गई है।
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क्या कुछ है पुरी के खजाने में?
पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर का प्रबंधन राज्य सरकार के कानून विभाग के अधीन है। 2018 में तत्कालीन कानून मंत्री प्रताप जेना ने विधानसभा में बताया था कि रत्न भंडार में 12,831 भरी (एक भरी 11.66 ग्राम के बराबर) से ज्यादा सोने के जेवर हैं। इनमें कीमती पत्थर जड़े हुए हैं।साथ ही 22,153 भरी चांदी के बर्तन और अन्य सामान हैं।
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सबसे पहले सांप पकड़ने वाला विशेषज्ञ लेगा एंट्री
आपको बता दें कि खजाना खोलने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले मंदिर के पुजारी भगवान लोकनाथ की पूजा करेंगे, इसके बाद ही रत्न भंडार को खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। एहतियात के तौर पर रत्न भंडार को खोलने के लिए सबसे पहले सांप पकड़ने वाला व्यक्ति एक अधिकृत कर्मचारी के साथ अंदर जाएगा। आमतौर पर मान्यता है कि खजानों की रक्षा नाग करते हैं। सनातन धर्म में नाग देवता ही धन की रक्षक माने गए हैं। ऐसी कई पौराणिक कथाएं हैं जिनमें खजानों के ऊपर नाग देवता बैठे हुए मिले हैं या खजाने की रक्षा करते हुए मिले हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए रत्न भंडार खोलने वालों की टीम में स्नेक कैचर को प्रमुखता से शामिल किया गया है।