सुल्तानपुर संवाददाता : आशुतोष श्रीवास्तव
सुल्तानपुर : सिविल लाइन स्थित दीवानी न्यायालय को शहर के बाहर ले जाने की कवायद तेज हो गई है। कोर्ट के आदेश पर इसके लिए भूमि चिह्नित भी कर ली गई है। किसानों से सहमति भी ले ली गई है। सिविल लाइन में संचालित दीवानी न्यायालय में वादकारियों व कोर्ट की बढ़ती संख्या से दिनों दिन भीड़ बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए दीवानी न्यायालय को शहर के बाहर ले जाने की कवायद कई वर्षों से चल रही है। उच्च न्यायालय के आदेश पर अब दीवानी कोर्ट ने जिला प्रशासन को शहर के पास ही भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। वही अधिवक्ताओ का मानना है कि बाहर जाने का कोई औचित नही है।
READ MORE : उत्तर प्रदेश में ‘श्री अन्न’ को नए सिरे से बढ़ावा देगी योगी सरकार..
अधिवक्ता अरविंद सिंह कही ये बात
दरअसल आपको बता दे कि अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने बताया कि वादकारियों की समस्याओं को देखना चाहिए जिससे अधिवक्ता भी प्रभावित हो रहे है। जैसा कि आप लोग जानते है कि सुल्तानपुर जनपद से अलग अमेठी जनपद के गठन हो चुका है आज नही तो कल या फिर कुछ महीनों या वर्षों में अमेठी जिले की अदालते वहां ट्रांसफर हो गई है तो इसके अलावा जैसे सिविल के कोर्ट कादीपुर चली गई,उसी प्रकार मुसाफिरखाना और लंभुआ प्रस्तावित है तो इस प्रकार से यहां न्यायालय में कुछ रहा है नही है।
READ MORE : नाबालिग प्रेमी युगल ने पेड़ से लटककर दी जान…
जानिए क्या है नाराजगी की वजह ?
अब ऐसे में जिस दिन अमेठी जनपद की फाइलें यहां से ट्रांसफर होती है तो सारी कोर्ट ही कोर्ट खाली रहेंगी। तो ऐसे में मैं समझता हूँ कि कोर्ट का ट्रांसफर का कोई औचित्य नही है और इस बात को इस मैसेज को चीफ जस्टिस तक पहुंचाना चाहिए और सरकार तक इस मैसेज को पहुंचाया जाना चाहिए। कि हमारे पास औसक्ता से अधिक अदालतें खाली हो जाएंगी। उसी मोमेंट में जिस मोमेंट में अमेठी जनपद की फाइलें ट्रांसफर हो जाएंगी और उसके पहले तमाम न्यायालय क्योकि जिस ज्यूडिशियली कि पॉलिसी है।