Aditya-L1 Mission : Chandrayaan-3 के सफल लेन्डीग होने के बाद अब इसरो द्वारा सूरज मिशन यानी Aditya-L1 Mission पर लोगों की नजर टिकी है। बता दे कि कुछ दिन पहले यानी की 23 अगस्त की शाम चंद्रयान-3 के सॉफ्ट-लैंडिंग करते ही भारत एक खास क्लब में शामिल हो गया। वहीं ISRO अब जल्द ही अपने पहले सूर्य मिशन Aditya L-1Mission को लॉन्च करेगा। वहीं अब ISRO द्वारा सूरज मिशन यानी की (Aditya-L1 Mission) को सितंबर 2 को लॉन्च करेगा जाएगा। वहीं आदित्य एल-1 मिशन को लॉन्च करने के बाद सुर्य के राहस्यो के बारे में पता लगा सकेगा।
रहस्यों से उठाना चाहता है पर्दा
Aditya-L1 Mission को दो सितंबर के दिन सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर ISRO द्वारा लॉन्च किया जाएगा। इसरो ने 28 अगस्त को इस सूरज मिशन को लॉन्च करने का अलान किया था । वहीं Aditya L-1Mission भारत का पहला सूर्य मिशन है। बता दे कि इसे मिशन को लॉन्च करके भारत सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर और कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन करना चाहता हैं। इसके साथ ही, वह कोरोना से बड़े पैमाने पर निकलने वाली ऊर्जा के रहस्यों से भी पर्दा उठाना चाहता हैं।
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लाग्रंगियन के नाम से भी जाना जाएगा
Chandrayaan-3 के सफल लेन्डीग होने के बाद भारत ने अपना नाम इतिहास के पन्नों से शामिल किया है। वहीं चांद पर तिरंगा लहराने के बाद भारत अब सूरज के बारे में ज्यादा जानने के लिए अपना नया मिशन Aditya L-1Mission लॉन्च करने जा रहा है। बता दे कि यह पहला मिशन होगा जिसमें एक भारतीय स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूरी पर भेजा जाएगा और इसे सूरज से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर एक पॉइंट पर स्थिर कर दिया जाएगा। वहीं इस पॉइंट को लंग्रंगियन के नाम से भी जाना जाता हैं।
ग्रहण की स्थिति में भी सूर्य पर रखी जाएगी नजर
Aditya L-1Mission और इस मिशन का नाम आदित्य इस लिए रखा गया हैं । क्योकी सुर्य के पर्यायवाचियों में से एक होता है आदित्य इसलिए उनका नाम आदित्य दिया गया है। वहीं Aditya-L1 Mission भारत की तरफ से पहला ऑब्जर्वेटरी-क्लास मिशन हैं। वता दे कि ऑब्जर्वेटरी क्लास में ऐसे मिशन रखे जाते हैं जिनको लॉन्च करने का मकसद ही किसी ग्रह को बस स्टडी करना होता हैं। इस स्पेसक्राफ्ट को सूर्य और पृथ्वी के सिस्टम के बीच हेलो ऑब्जर्वेटरी में पहले Lagrange पॉइंट, L-1 के पास प्लेस किया जाएगा। वहीं इस पॉइंट पर एक सैटेलाईट के होने का फायदा ये होगा कि ग्रहण की स्थिति में भी सूर्य पर नजर रखी जा सकती है और सूर्य की एक्टिविटी पर भी ध्यान रखा जा सकता हैं।