Reporter- MOHD KALEEM
लखनऊ। बलिया में गर्मी और लू से बड़ी तादाद में मौत होने से हड़कम्प मच गया है। सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। इस मामले की जांच के लिए निदेशक स्तर के दो अफसरों की गठित की गई टीम ने रविवार को मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों के सीएमओ और सीएमएस को हीट वेव और प्रचंड गर्मी से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को अलर्ट कर गर्मी से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए सारी व्यवस्थाएं चाकचौबंद रखने को कहा गया है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक खुद गर्मी से होने वाली बीमारियों की मानीटरिंग करने में जुटे हैं।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने रविवार को बताया है कि बलिया में लोगों की मौत के मामले की जांच होगी। विभाग के निदेशक संचारी रोग डा. एके सिंह और निदेशक (उपचार) डा. केएन तिवारी की दो सदस्यीय जांच टीम वहां भेजी गई है। यह टीम पूरे मामले की सिलसिलेवार जांच करेगी। मरीजों के इलाज व लक्षणों का आंकलन होगा। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया है कि मरीजों की मौत पर हीट वेव जैसे बयान देने वाले जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को पद से हटा दिया गया है। इनके स्थान पर बलिया जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. एके यादव को यह जिम्मेदारी दी गई है। उप मुख्यमंत्री ने बलिया में लोगों की असमय मौत पर गंभीर चिंता और दु:ख व्यक्त किया है।
उप मुख्यमंत्री ने रविवार को प्रदेश के सभी जिलों के सीएमओ और सीएमएस को हीट वेव और प्रचंड गर्मी से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए निर्देश दिए। उन्होंने बताया है कि सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जाँचें 24 घंटे हो रही हैं। इमरजेंसी का संचालन भी हो रहा है। मरीजों को सभी दवाएं सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दी जा रही हैं। डाक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वह अस्पताल में उपलब्ध दवाएं ही मरीज को लिखें ताकि उसे दवा के लिए भटकना न पड़े। अस्पतालों में सभी दवाओं का स्टॉक रखने के साथ ही ग्लूकोज, बुखार, पेट दर्द, एंटीबायोटिक, ओरआरएस घोल के पैकेट समेत दूसरी जरूरी दवाएं पर्याप्त मात्रा में रखने को कहा गया है।
ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए हैं कि अधिकारी अस्पतालों में जाकर इलाज की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे। सीएमएस व अधीक्षक सुबह-शाम वार्डों में राउंड लेंगे। इनसे गर्मी से होने वाली बीमारियों का ब्यौरा भी उपलब्ध कराने को कहा गया है। वार्डों में पंखा, कूलर, एसी, ठंडा पानी के लिए लगे वॉटर कूलर का प्रतिदिन निरीक्षण करने और गड़बड़ी होने पर तुरंत दुरुस्त कराने का निर्देश दिया है। बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था करने को भी गया गया है। रोगी कल्याण समिति के बजट का इन कामों में इस्तेमाल कर सकते हैं।