Bihar Train News:बिहार के पूर्णिया (Purnia) जिले में एक बड़ा रेल हादसा (Train accident) होते-होते टल गया, जब लोको पायलट (Loco Pilot) की सतर्कता से ट्रेन को पलटाने की साजिश नाकाम हो गई। यह घटना पूर्णिया-कटिहार रेलरूट पर रानीपतरा रेलवे स्टेशन से थोड़ी दूर आगे की है। अज्ञात व्यक्तियों द्वारा रेलवे ट्रैक पर 10 एमएम के दो सरिए रख दिए गए थे, जिससे ट्रेन के पहियों में सरिए फंस गए। लेकिन पायलट (Loco Pilot) की चौकसी के कारण एक बड़ा हादसा टल गया।
ट्रैक पर रखे सरिए
जब ट्रेन रानीपतरा रेलवे स्टेशन के पास से गुजर रही थी, तब लोको पायलट की नजर अचानक ट्रैक पर रखे पत्थरों पर पड़ी। ट्रेन की रफ्तार धीमी होने के कारण, पायलट ने तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। इस बीच, सरिया ट्रेन के पहियों में फंस चुकी थी, लेकिन ट्रेन को रुकने से बड़ा हादसा टल गया। इसके बाद रेलवे कर्मचारियों को बुलाया गया, जिन्होंने कड़ी मेहनत के बाद ट्रेन के पहियों से सरिए को निकालने में सफलता पाई। इसके बाद ट्रेन को सुरक्षित रूप से रवाना किया गया।
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लोको पायलट की सतर्कता ने टाला हादसा
इस घटना में लोको पायलट (Loco Pilot) की सतर्कता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अगर ट्रेन की रफ्तार तेज होती या पायलट ने समय पर ब्रेक नहीं लगाया होता, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। रेलवे कर्मियों ने सरिए को ट्रैक से हटाकर पटरियों की जांच की, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि आगे कोई और खतरा न हो।
पहले भी रची जा चुकी है ट्रेन पलटाने की साजिश
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में इस तरह की साजिश रची गई हो। इससे पहले, 9 अक्टूबर 2024 को, पटना-गया रेलरूट पर एक अन्य ट्रेन को पलटाने की साजिश नाकाम हुई थी। उस समय भी, मखदुमपुर और बेला स्टेशन के बीच नेयामतपुर हाल्ट के पास पटरी पर बड़े पत्थर रखे गए थे, जिनसे इस्लामपुर-हटिया एक्सप्रेस ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने की कोशिश की गई थी। लेकिन उस घटना में भी लोको पायलट की सतर्कता से ट्रेन को सुरक्षित रूप से रोक लिया गया और बड़ा हादसा टल गया।
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रेलवे सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
इन घटनाओं के बाद रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं से यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर चिंता उत्पन्न हो गई है। ट्रेन पलटाने की साजिशें बार-बार विफल हो रही हैं, लेकिन यह घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि रेलवे सुरक्षा में अभी भी सुधार की जरूरत है।
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रेलवे कर्मियों की तत्परता से सुरक्षित निकली ट्रेन
ट्रेन को रोके जाने के बाद, रेलवे कर्मचारियों ने तत्परता से पहियों से सरिए को हटाया और ट्रैक की स्थिति की जांच की। इस जांच के बाद ही ट्रेन को आगे बढ़ने की अनुमति दी गई। रेलवे कर्मियों की मेहनत और पायलट की सतर्कता से इस बार भी ट्रेन हादसा टल गया, लेकिन यह घटनाएं रेलवे प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती हैं।
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इन ट्रेन पलटाने की साजिश
- वहीं 5 अक्टूबर को झांसी-भोपाल रेल लाइन पर सरिया रखा गया।
- इसके अलावा 30 सितंबर को कानपुर में अग्निशामक सिलिंडर मिला।
- वहीं 29 सितंबर को महोबा में पिलर रखकर पैसेंजर ट्रेन को पलटाने का प्रयास हुआ।
- और 22 सितंबर कानपुर में महाराजपुर में प्रेमपुर स्टेशन के पास एलपीजी सिलिंडर और बीयर कैन रखे मिले।
- साथ ही 17 अगस्त कानपुर के भीमसेन में पटरी पर रखे पत्थर के टकराने से साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे बेपटरी हो गए।