Varanasi News : काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर भक्तों में अलग ही प्रकार का आस्था देखने को मिलती है । जहां भगवान के वजह से भक्त सम्पन होते है , तो भक्त भी अपनी क्षमता अनुसार भगवान को भी अपने श्रद्धा भाव से भेंट अर्पित करते है। यु तो परम पिता परमेश्वर पूरे संसार को खिलाते हैं, कोई उनकी कृपा से भूखा नहीं रहता ,तो जो सबका पालन पोषण करने वाला को प्रसाद अर्पित करना महज शारदा भाव है , सही मायने में देखा जाए तो ईश्वर केवल प्रेम के भुखे है,इसका उदाहरण ये है कि महाभारत काल में श्री कृष्ण ने दुर्योधन के पकवान छोड विदुर की भाजी स्वीकार की थी ।
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काशी विश्वनाथको सोने का मुकुट अर्पित किया गया
बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर लोगों में एक अलग ही प्रकार का आस्था देखने को मिलती है। वहीं वाराणसी के साथ-साथ दूसरे राज्यों से भी शिवभक्त बड़ी संख्या में काशी विश्वनाथ धाम पहुंच रहे हैं, साथ ही भक्तों ने बाबा को चढ़ावे में लगतार कुछ न कुछ चढा रहे है, इस बीच शुक्रवार को बाबा विश्वनाथ के प्रति अनूठी श्रद्धा देखी गई, जिसके बाद एक संस्था की तरफ से काशी विश्वनाथ के दरबार में रत्न जड़ित सोने का मुकुट अर्पित किया गया। चढ़ावे की कीमत 35 लाख रुपये से अधिक है।वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथको सोने का मुकुट अर्पित किया गया है, इसके साथ अन्य सोने और चांदी के पात्र भी अर्पित किया है।
विश्वनाथ को तुलसी के पत्ते से सहस्त्रार्चन किया जाएगा..
वहीं कथा में भाग लेने आए सामवेद सनमुख शर्मा महाराज ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दोपहर की भोग आरती से पहले चांदी की थाल, चांदी का कलश, चांदी की कटोरी के अलावा सोने का बेलपत्र और रत्न जड़ित सोने का मुकुट बाबा को अर्पित किया है। बता दें कि इस आयोजन के दौरान दर्शनार्थी और संस्था से जुड़े श्रद्धालु बड़ी संख्या में मौजूद रहे, इशखए साथ सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि संस्था की तरफ से दान बाबा विश्वनाथ के बैकुंठ चतुर्दशी पर होने वाले स्थापना दिवस से पहले किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि संस्था शनिवार को भी पूजन अभिषेक का आयोजन कराएगी। रविवार को स्थापना दिवस पर मंदिर में बाबा विश्वनाथ को तुलसी के पत्ते से सहस्त्रार्चन किया जाएगा।