Qatar-India Relations:एक साल से भी अधिक समय तक हिरासत में रखने के बाद कतर की एक अदालत ने 8 पूर्व नेवी ऑफिसर को मौत की सजा सुनाई थी। जिस पर भारत सरकार ने काफी ज्यादा हैरानी जताई। जिसके बाद भारत सरकार ने कतर में फंसे भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की तलाश भी की। वहीं 28 दिसंबर को बड़ी राहत देते हुए कतर की कोर्ट ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों की मौत की सजा पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद भारत की डिप्लोमैटिक बातचीत के बाद इनकी सजा कम कर दी गई थी। इसी के साथ बताया जा रहा है कि आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों में से सात पहले ही भारत वापस आ चुके हैं।
Read more : ‘‘संविधान बचाओ, PDA जन चौपाल” का हुआ आयोजन
अधिकारियों की रिहाई के फैसले का स्वागत किया गया
आपको बता दें कि सोमवार को विदेश मंत्रालय ने अपने एक आधिकारिक बयान में बताया कि – “आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों में से सात पहले ही भारत वापस आ चुके हैं। केंद्र सरकार की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया। इसमें इन पूर्व अधिकारियों की रिहाई के फैसले का स्वागत किया गया। बयान में कहा गया- , ‘भारत सरकार दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है, जिन्हें कतर में हिरासत में लिया गया था।”
Read more : BJP ने Rajya Sabha उम्मीदवारों का किया ऐलान,एक बार फिर Sudhanshu Trivedi को मिला मौका..
“‘आठ में से सात भारत लौट आए”
वहीं इस बयान में आगे कहा है कि- , ‘आठ में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।’ आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर की जेल में बंद थे। कतर ने उन पर पनडुब्बी से जुड़ी कथित जासूसी का आरोप लगाया था। यह सभी आठ लोग भारतीय नौसेना के रिटायर्ड कर्मी हैं, जिन्हें कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई। इनसे जुड़ी डिटेल अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं की गई है।”
Read more : आज का राशिफल: 12-February-2024 , aaj-ka-rashifal- 12-02-2024
जानें क्या था मामला ?
दरअसल, कतर में स्थित अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी में काम कर रहे आठ भारतीयों को अगस्त में कथित जासूसी के मामले में पकड़ा गया था। फिर इन सभी को 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि कतर ने आरोपों को लेकर अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।