Independence Day 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस (Independence day) के अवसर पर लाल किले से एक घंटे से अधिक के अपने राष्ट्र संबोधन में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में भविष्य की दिशा को लेकर कई महत्वपूर्ण वादे भी किए और वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर भी तीखे सवाल भी उठाए। उन्होंने विशेष रूप से समान नागरिक संहिता (यूसीसी), वन नेशन वन इलेक्शन और परिवारवाद पर अपनी बात लोगों के समक्ष रखी।
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समान नागरिक संहिता पर दिया जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने समाज में व्याप्त भेदभाव को समाप्त करने के लिए समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आज देश में कहीं न कहीं हर जगह भेदभाव देखा जाता है और यह बेहद जरूरी है कि नागरिकों की समानता सुनिश्चित करने के लिए यूसीसी पर विचार किया जाए। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि एक सच्चे लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है कि समाज में सभी नागरिकों को एक समान अधिकार मिलें और इसके लिए एक सेकुलर सिविल कोड होना चाहिए। पीएम मोदी ने आगे कहा, “हमने 75 साल तक कम्युनल सिविल कोड में बिताए हैं, अब हमें एक सेकुलर सिविल कोड की दिशा में आगे बढ़ना होगा। यह संविधान की भावना के अनुरूप है और यह देश की सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है।”
वन नेशन वन इलेक्शन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ (one nation one election) की अवधारणा को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि देश में बार-बार चुनावों के कारण योजनाओं का कार्यान्वयन प्रभावित होता है और यह विकास की गति को औरधीमा करता है। पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि देश को एक ही समय में सभी चुनाव कराने की व्यवस्था को अपनाना चाहिए ताकि समय, ऊर्जा और संसाधनों की बचत हो सके। उन्होंने आगे कहा, “अब समय आ गया है कि देश की राजनीतिक प्रक्रिया को सुधारते हुए वन नेशन वन इलेक्शन की दिशा में आगे की ओर अग्रसर हो। इससे चुनावी व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा और सरकार की योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा।”
परिवारवाद पर कड़ा हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने परिवारवाद को देश के विकास के लिए खतरा बताते हुए इसे समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर अधिक जोर दिया। उन्होंने कहा कि परिवारवाद से देश की राजनीति और प्रशासनिक कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और यह सुधार की दिशा में एक बड़ी रुकावट है। पीएम मोदी ने कहा, “हमारे समाज और राजनीति में परिवारवाद एक गंभीर समस्या है। इसे समाप्त करना जरूरी है ताकि नए विचार और प्रतिभा को अवसर मिल सके और देश का भला हो सके।” प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के वायनाड जिले में आई प्राकृतिक आपदाओं का भी उल्लेख किया और प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने आश्वासन दिया कि देश इस संकट की घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ खड़ा है और उनकी सहायता के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
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