आगरा संवाददाता: ज़ीशान अहमद
- आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को दी जाती है महत्वपूर्ण फाइलों की जिम्मेदारी
Agra: आगरा विकास प्राधिकरण के कर्मचारी लाचार कार्यशाली को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहते हैं। आगरा विकास प्राधिकरण में अभी कर्मचारियों पर चल रही आय से अधिक संपत्ति की जांच पूरी नही हुई थी कि एक और बड़ा मामला सामने आ गया। दरअसल ए डी ए से 39 महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गई है। ए डी ए सचिव गरिमा सिंह इस मामले पर पर्दा डालती हुई नजर आ रही है। उनको महत्वपूर्ण फाइलें गायब होने की भनक तक नहीं है।फाइलें गायब होने की खबर जैसे ही विभाग से बाहर निकली तब ए डी ए में हड़कंप मच गया।और मामले को दबाने की कोशिशें शुरू हो गईं।
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200 फाइल गायब होने का मामला
आगरा विकास प्राधिकरण में फाइलें गायब होने का यह पहला मामला नहीं है। सूत्रों के मुताबिक बीते कुछ वर्ष पहले आगरा विकास प्राधिकरण से 200 फाइल गायब होने का मामला सामने आया था। बेहद महत्वपूर्ण फाइल का विभाग से गायब हो जाना विभागीय कर्मचारियों पर कई तरह के प्रश्न चिन्ह खड़े करता है। आखिर कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को भूल इन फाइलों को किसके हाथों में देते हैं।
राजेश पर कई बार आरोप लग चुके
दरअसल आगरा विकास प्राधिकरण में आउटसोर्सिंग कर्मचारीयों को महत्वपूर्ण फाइलों की जिम्मेदारी दी गई है। या फिर यह भी कह सकते हैं कि अधिकारियों की विशेष अनुकंपा के चलते आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को यह बड़ी जिम्मेदारी मिली है। संपत्ति अनुभाग में आउटसोर्सिंग कर्मचारी राजेश भी महत्वपूर्ण फाइलों को इधर से उधर करने का काम करता है। संपत्ति विभाग में आउटसोर्सिंग कर्मचारी राजेश पर कई बार आरोप लग चुके हैं। वरिष्ठ समाजसेवी ने आउटसोर्सिंग कर्मचारी राजेश को महत्वपूर्ण फाइलों को रखने की जिम्मेदारी दिए जाने पर सवाल खड़े थे। लेकिन अधिकारियों की विशेष अनुकंपा के चलते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।
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विकास प्राधिकरण से 39 फाइल गायब
फिलहाल आगरा विकास प्राधिकरण से 39 फाइल गायब है और अधिकारियों द्वारा फाइलों की तलाश कराई जा रही है। राजेश जैसे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को जब महत्वपूर्ण फाइलें रखने की जिम्मेदारी दी जाएगी तब इस तरह के प्रकरण सामने आने की आशंका बनी रहेगी। राजेश संपत्ति अनुभाग में कार्यरत सत्येंद्र बाबू का भाई है। कथित तौर पर कहा जाता है कि सत्येंद्र की कोशिशों के बाद आउट सोर्सिंग कर्मचारी राजेश को यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।