Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निदेश पर श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, झारखंड सरकार के त्वरित कार्रवाई और सतत प्रयासों से कैमरून (Cameroon), दक्षिण अफ्रीका में फंसे 27 झारखंडी प्रवासी श्रमिक बुधवार की सुबह सकुशल घर लौट आए। सभी 27 श्रमिक बॉम्बे मेल ट्रेन नंबर 12322 से सुबह 04:19 पर पारसनाथ स्टेशन पहुंचे। गिरिडीह के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने स्टेशन पर इनका स्वागत किया।
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मंत्री बेबी देवी की मौजूदगी में कार्यक्रम
बुधवार को ही डुमरी में मंत्री बेबी देवी की उपस्थिति में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस दौरान मंत्री बेबी देवी सभी श्रमिकों से मिलेंगी और प्रत्येक श्रमिक को 25 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर श्रमिकों के सुरक्षित लौटने की खुशी मनाई जाएगी।
तीन महीने से बिना वेतन के थे श्रमिक
बोकारो, हजारीबाग, और गिरिडीह के 27 मजदूर 29 मार्च को काम करने कैमरून गए थे। एलएनटी टावर कंपनी में काम के दौरान इन श्रमिकों को तीन महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा था, जिससे उन्हें खाने-पीने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। श्रमिकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपने वतन वापसी की गुहार लगाई थी। इसके बाद झारखंड सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए उनकी वापसी के लिए कदम उठाए।
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विदेश मंत्रालय के सहयोग से वापसी
झारखंड सरकार ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर श्रमिकों की वापसी के लिए अनुरोध किया था। बेहतर रोजगार की तलाश में कैमरून जाकर फंसे गिरिडीह, बोकारो, और हजारीबाग के 27 श्रमिक अंततः बुधवार की सुबह झारखंड लौटे। पारसनाथ रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद सभी को माला पहनाकर स्वागत किया गया और फिर सुरक्षित डुमरी में ठहराया गया।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार
सभी श्रमिकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का त्वरित कार्रवाई और सतत प्रयास के लिए आभार व्यक्त किया। श्रमिकों ने कहा कि मुख्यमंत्री के सक्रिय कदमों के कारण ही वे आज सकुशल अपने घर लौट सके हैं। लौटने वाले श्रमिकों में 18 बोकारो, 4 गिरिडीह, और 5 हजारीबाग जिले के हैं।
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सामाजिक कार्यकर्ता का योगदान
प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने इस मुद्दे को केंद्र और राज्य सरकार के संज्ञान में लाया था। उनके प्रयासों और विदेश मंत्रालय की सक्रियता से ही मजदूरों की वापसी संभव हो सकी। यह घटना हमारे प्रवासी श्रमिकों की कठिनाइयों और उनके संघर्ष को दर्शाती है। झारखंड सरकार की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जाए। प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए और अधिक कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।
श्रमिकों को बेहतर रोजगार की तलाश में विदेश जाने से पहले पूरी जानकारी और सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार न हों। इसके साथ ही, सरकार को भी अपने प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए।
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