उ0प्र0 (लखनऊ): संवाददाता – मोहम्मद कलीम
Lucknow: लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। 140 सीएनजी सिटी बसों के फिटनेस खत्म हो गई है। इन बसों का फिटनेस भी नहीं हो पा रहा है। वजह यह है कि सिटी बसों में सबसे जरूरी उपकरण स्पीड गवर्नर नहीं लगे है। इससे फिटनेस सेंटर पर सिटी बसों के प्रमाण पत्र जारी नहीं हो रहे है। ऐसे में यह बसें बगैर फिटनेस के सड़कों पर दौड़ रही हैं।
प्रतिदिन 30 से 35 हजार यात्री करते है यात्रा
इन बसों से रोजाना 30 से 35 हजार दैनिक यात्री सफर कर रहे है। इन यात्रियों का सफर बिना फिटनेस बसों से किसी आफत से कम नहीं है। वजह यह है कि करीब 14 साल पुरानी हो चुकी बसों के बॉडी जर्जर हो चुके है। ऐसे में सिटी बसों के 13 बिंदुओं पर फिटनेस जांच में पास ही नहीं हो रहे हैं। यह बसें कभी भी अनियंत्रित होकर सड़क हादसे कर सकते हैं। इन बसों को दुरुस्त कराने के लिए सिटी ट्रांसपोर्ट के पास कोई बजट भी नहीं है।
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आरटीओ ने काटा चालान
सिटी बसों के फिटनेस नहीं होने पर आरटीओ चेकिंग दल ने चालान की कार्रवाई कर दी। चेकिंग दलों ने बगैर फिटनेस और चालक के ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने पर 55 सौ रुपये का चालान काट दिया है। सिटी बसों के बिना फिटनेस में चालान काटने के लिए पड़ताल में सामने आया कि सभी बसों के फिटनेस वैधता खत्म हो चुकी है।
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट एमडी आरके त्रिपाठी का कहना है कि सीएनजी सिटी बसें जैसे-जैसे उम्र पूरी कर रही है, वैसे वैसे इन्हें नीलाम किया जा रहा है। वर्तमान में 140 सिटी बसें चल रही हैं। इन बसों को भी नीलाम किया जाएगा। बदले में 125 ई-बसें आएंगी।