Adiguru Shankaracharya : MP सरकार ने भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल ओंकारेश्वर में आदिगुरू शंकराचार्य की 108 फुट ऊंची मूर्ति का ‘‘एकात्मता की प्रतिमा’’ के रूप में 21 सितंबर यानी की आज गुरुवार को अनावरण हुआ। प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विशेष उपस्थिति में संपन्न हुआ। बता दे कि प्रथम ऐतिहासिक चरण के रूप में एकात्मता की प्रतिमा का अनावरण हुआ। यह 108 फीट ऊंची बहुधातु की प्रतिमा है जिसमें आदि शंकराचार्य बाल स्वरूप में हैं। इसके साथ उसकी खासियत यह है की इसे ‘स्टैच्यू ऑफ वननेस’ का नाम भी दिया गया है।
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शकराचार्य की ये प्रतिमा बाल स्वरूप में हैं..
वहीं इस प्रतिमा स्थल के करीब ब्रह्मोत्सव में 5000 साधु-संत जुटे हैं।बता दे कि यहां कुछ देर में अद्वैत लोक का अनावरण होगा।बताया जा रहा है की यह 2026 तक बनकर तैयार होगा। वहीं आदि शंकराचार्य की ये प्रतिमा 12 साल के (बाल स्वरूप) आचार्य शंकर की एक झलक है। वहीं इसी उम्र में वे ओंकारेश्वर से वेदांत के प्रचार के लिए निकले थे।
खंडवा
एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान आज ओंकारेश्वर में आदि
शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का करेंगे अनावरण @ChouhanShivraj @MP_MyGov #कंप्यूटर_अनुदेशक_भर्ती_में_शिथिलता_दे #ShafaliVerma pic.twitter.com/7qRPODS2G1
— Prime Tv (@primetvindia) September 21, 2023
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290 हिस्सों को ओंकारेश्वर में लाकर जोड़ा गया..
आपको बता दे कि इस प्रतिमा 100 टन वजन है । बताया जा रहा है की 75 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित है। वहीं 88% कॉपर, 4% जिंक और 8% टिन को मिलाकर बनाई गई है। इसके 290 पैनल निर्माण कंपनी एलएंडटी ने जेटीक्यू चाइना से तैयार कराए हैं। सभी 290 हिस्सों को ओंकारेश्वर में लाकर जोड़ा गया है।
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शंकराचार्य का परिचय..
वहीं शंकराचार्य का जन्म केरल के कालड़ी गांव में 508-9 ईसा पूर्व और महासमाधि 477 ईसा पूर्व में हुई थी।उनके मां का नाम आर्याम्बा और पिता का नाम शिवगुरु है। बता दे कि 32 वर्ष की छोटी से आयु में ही इन्होंने देश के चार कोनों में चार मठों ज्योतिष्पीठ बदरिकाश्रम, श्रृंगेरी पीठ, द्वारिका शारदा पीठ और पुरी गोवर्धन पीठ की स्थापना की थी। वहीं चारों पीठ आज भी बहुत प्रसिद्ध और पवित्र माने जाते हैं।
चार पीठों में आसानी संन्यासी ‘शंकराचार्य’ कहे जाते हैं। चारों पीठों की स्थापना का उद्देश्य सांस्कृतिक रूप से पूरे भारत को उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम जोड़ना था।