Imroz News : आज हम आपको ऐसे प्रेम कहानी के बारे में बताएं , जिसके बारे में शायद ही आपने सुना होगा । अमृता प्रीतम और इमरोज के प्रेम ने इस दुनिया को कई प्रेम कहानियां दीं, प्यार की नई परिषाभाएं गढ़ीं है। वहीं इमरोज एक शानदार प्रेमी होने के साथ-साथ कवि और मशहूर चित्रकार भी थे, उनके निधन पर साहित्य जगत ने शोक व्यक्त किया है।बता दें कि , मशहूर पेंटर और अमृता प्रीतम के साथ एक लंबा अरसा गुज़ारने वाले इमरोज़ का निधन हो गया है। वे 97 साल के थे और बीमार रहते थे।इमरोज का असली नाम इंद्रजीत सिंह था, वे मशहूर लेखिका और कवयित्री अमृता प्रीतम के साथ रहने के चलते चर्चा में आए थे, अमृता और इमरोज का साथ लगभग 40 साल का था।
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कई प्रेम कहानियां दीं..
अमृता प्रीतम के अंतिम दिनों में इमरोज ही उनके साथ थे , इमरोज़ अमृता की ज़िंदगी में बहुत देर से आये थे। मगर वो दोनों एक ही घर में एक ही छत के नीचे दो अलग-अलग कमरे में रहते थे। अमृता प्रीतम और इमरोज के प्रेम ने इस दुनिया को कई प्रेम कहानियां दीं, प्यार की नई परिषाभाएं गढ़ीं। आप इनके मोहब्बत को इस बात से समझा सकते है कि अमृता प्रीतम की मृत्यु होने के बाद भी इमरोज यह मानते ही नहीं थे कि वे अब इस दुनिया में नहीं हैं, इमरोज अमृता के बारे में कहा करते थे- (‘वो यही है, घर पर ही है, कहीं नहीं)।
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दोस्तों ने बताया कि..
बता दें कि इमरोज के अंतिम दिनों में उनके साथ रहे उनके दोस्तों ने बताया कि – इमरोज की सेहत पिछले कुछ समय से खराब चल रही थी और उन्होंने हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, उन्हें पाइप के माध्यम से खाना खिलाया जा रहा है, इतनी गंभीर हालत होने के बाद भी इमरोज एक दिन भी अमृता को नहीं भूले, इमरोज इस बात से बहुत नाराज होते जब कोई अमृता के बारे में ‘थी’लगाकार बात करता था, वे कहते कि अमृता है और यहीं है।
कैसे हुई मुलाकात..
वहीं इमरोज का जन्म 26 जनवरी, 1926 में अविभाजित पंजाब में हुआ था, अमृता को अपने कविता संग्रह ‘नगमानी’ के कवर डिजाइन के लिए एक कलाकार की तलाश थी, इस तलाश में उनकी मुलाकात इंद्रजीत से हुई, इस दौरान दोनों की मुलाकातें होने लगीं और अमृता ने ही इंद्रजीत को इमरोज नाम दिया था, ये मुलाकातें लंबी होती गईं और इमरोज अमृता से प्रेम करने लगे।