Paper leak: उत्तर प्रदेश सरकार अब पेपर लीक पर सख्त कानून बनाने जा रही है। इस नए कानून में पेपर लीक और सॉल्वर गैंग जैसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई का प्रावधान होगा।भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने से रोकने और धांधली खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नई नीति जारी कर दी गई है। बनी इस नीति में तय किया गया है कि एक भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी चार अलग-अलग एजेंसियों को दी जाएगी।
दरअसल यूपी पुलिस भर्ती, आरओ-एआरओ पेपर लीक के अलावा टीजीटी पेपर लीक हो चुका है। अब नीट पीजी में कथित अनियमितता के बाद यूजीसी नेट का एग्जाम भी पेपर लीक के बाद रद्द किया जा चुका है ऐसे में सरकार पर उठ रहे सवालों के बीच ये एक बड़ा फैसला है।
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चारों एजेंसियों का क्या होगा काम
- एजेंसी A- इसका काम प्रश्नपत्र तैयार करवाना, छपवाना और सभी जिलों में कोषागार तक पहुंचाना।
- एजेंसी B- इसकी जिम्मेदारी एग्जाम कंडक्ट करवाने की। कोषागार से पेपर सेंटर तक पहुंचाने की। परीक्षा केंद्र की व्यवस्था और OMR शीट को बोर्ड और आयोग तक पहुंचाने की होगी।
- एजेंसी C- परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी तीसरी एजेंसी की होगी। इसमें फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी से निगरानी और कंट्रोल रुम की व्यवस्था करना होगा।
- एजेंसी D- इसका काम ओएमआर शीट की स्कैनिंग आयोग व बोर्ड परिसर में ही कराकर परीक्षा का स्कोर चयन संस्था को उपलब्ध करवाने का होगा।
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कैसे सेलेक्ट होगा सेंटर
योगी सरकार ने सेंटर सेलेक्शन का भी क्राइटेरिया तय कर दिया है। इसके अनुसार एग्जाम सेंटर को 3 साल परीक्षा करने का अनुभव होना जरूरी है। परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी चालू अवस्था में होना अनिवार्य है। परीक्षा शुरू होने से लेकर परीक्षा के खत्म होने तक CCTV ऑन रहेगा। इसके लिए लाइट के साथ-साथ जेनरेटर की व्यवस्था भी की जाएगी। परीक्षा केंद्र के बिल्डिंग में बॉउंड्रीवॉल होना अनिवार्य होगा।
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दो तरह के होंगे परीक्षा सेंटर
CLASS-1 में राजकीय इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, राज्य एवं केंद्र के विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज को रखा गया है। इन्हें प्रायोरिटी में रखा जाएगा।
CLASS-2 में उन स्कूलों को चयन किया जाएगा । जिनकी रेपुटेशन अच्छी हो, सेंटर पर छात्रों के लिए फेसिलिटी अवेलेबल हो।
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पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर..
- भारी जुर्माना: पेपर लीक करने वाले व्यक्तियों पर भारी आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा, जिससे उन्हें भविष्य में ऐसी गतिविधियों से दूर रहने की सख्त हिदायत दी जाएगी।
- बुलडोजर कार्रवाई: पेपर लीक करने वाले और सॉल्वर गैंग के सदस्यों की संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई की जा सकती है, जो एक मजबूत संदेश के रूप में काम करेगी।
- जेल की सजा: पेपर लीक में शामिल लोगों के लिए जेल की सजा का प्रावधान भी किया जाएगा, जिससे इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लग सके।
- आजीवन प्रतिबंध: जो व्यक्ति पेपर लीक और सॉल्वर गैंग में शामिल पाए जाएंगे, उन्हें किसी भी सरकारी नौकरी या परीक्षा में आजीवन प्रतिबंधित किया जा सकता है।
- कानूनी कार्यवाही : ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कानूनी कार्यवाही की जाएगी ताकि दोषियों को जल्दी से जल्दी सजा मिल सके।
- इस सख्त कानून का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखना है और उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है जो इसकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाते हैं।