World Mental Health Day 2024: आज के दौर में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में एक गंभीर चुनौती बन चुकी हैं। इस समस्या का सबसे बड़ा कारण कार्यस्थल पर बढ़ते तनाव को माना जाता है। अधिकतर लोग मानते हैं कि नौकरी के दबाव और काम के बोझ के चलते उनकी मानसिक स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ता है। लगातार तनाव, अवसाद, और चिंता की स्थिति में फंसने के कारण लोग सुसाइड जैसे कदम भी उठा लेते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, हर छह में से एक व्यक्ति मानसिक तनाव से जूझ रहा है।
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कार्यस्थल पर मानसिक तनाव के परिणाम
ऑफिस के माहौल में बढ़ता मानसिक तनाव कई बार गंभीर परिणाम लेकर आता है। कार्यस्थल पर दबाव और तनाव के चलते हर साल कई लोग आत्महत्या जैसी घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। कार्यक्षेत्र में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य मामलों को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि न केवल हम अपनी मानसिक स्थिति पर ध्यान दें, बल्कि अपने सहकर्मियों की भी मानसिक सेहत का ख्याल रखें। इसके लिए जरूरी है कि हम उन तरीकों को समझें, जिनसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बाहर निकला जा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024: थीम और उद्देश्य
मानसिक स्वास्थ्य (World Mental Health Day)के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम (Theme) है, “इट्स टाइम टू प्रायरिटाइज मेंटल हेल्थ एट वर्कप्लेस” यानी कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है। इस थीम का उद्देश्य है कि लोगों को यह समझाया जाए कि कार्यस्थल पर मानसिक सेहत को नजरअंदाज करना भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है, और इसे प्राथमिकता देकर हम एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकते हैं।
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मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के उपाय
मानसिक स्वास्थ्य (World Mental Health Day)को सुधारने के लिए हमें कुछ कदम उठाने होंगे। पहला, खुद को समय दें और काम के बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें। दूसरा, अपने सहकर्मियों से बात करें और अपनी परेशानियों को साझा करें। इससे मानसिक बोझ कम होता है। तीसरा, योग, ध्यान और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, जिससे तनाव और चिंता को कम किया जा सके।
कार्यस्थल पर मैनेजमेंट और सहकर्मियों को भी यह समझना चाहिए कि कर्मचारियों की मानसिक सेहत का ध्यान रखना उनकी जिम्मेदारी है। उन्हें एक ऐसा माहौल देना चाहिए जहां वे खुलकर अपने विचार और समस्याओं को साझा कर सकें, जिससे काम का दबाव कम हो और मानसिक सेहत में सुधार हो सके।