World AIDS Vaccine Day: आज के समय में AIDS बीमारी के बारे में हर किसी ने सुना है.एड्स एक गंभीर रोग है और इसके सही उपचार के अभाव के कारण एड्स से पीड़ित मरीज की जान भी जा सकती है.एड्स बीमारी ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) की वजह से होती है.आम तौर पर देखा गया है कि,कई लोगों को एड्स के बारे में पूरी जानकारी नहीं है या फिर उन्हें गलत जानकारी है इसलिए हर साल 18 मई को वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे (World AIDS Vaccine Day) मनाया जाता है ताकि एड्स के बारे में लोगों को सही जानकारी प्रदान की जा सके और उन्हें इसका महत्व भी समझाया जा सके।
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AIDS को लेकर जागरूकता की बहुत कमी
आपको बता दें कि,एड्स कोई मामूली रोग नहीं है ये एक बहुत गंभीर बीमारी है.जो भी इस बीमारी की चपेट में आता है उसके लिए ये बीमारी जानलेवा तक साबित हो सकती है.जैसे कि हमने आपको बताया लोगों के बीच आज भी एड्स को लेकर जागरूकता की बहुत कमी .है इसलिए हर साल 18 मई के दिन देश भर में वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे के रूप में मनाया जाता है ताकि समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाई जा सके और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस गंभीर बीमारी से भी बचाया जा सके।
तो आइये आज आपको हम वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे के मौके पर इसके इतिहास और इसके महत्व से रुबरु करवाते हैं. इसी के साथ हम आपको ये भी बताएंगे की आखिर एड्स है क्या और इसके होने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं?
World AIDS Vaccine Day के बारे में जानें
इस दिन की शुरुआत साल 1998 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) ने की थी. ये दिन एचआईवी वैक्सीन विकसित करने के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के आह्वान की याद दिलाता है.उन्होंने साल 1997 में मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में अपने भाषण से एड्स को लेकर एक वैक्सीन विकसित करने की जरूरत पर प्रकाश डाला था।
वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे का क्या है महत्व?
वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे हमें एचआईवी वैक्सीन की इम्पोर्टेंस और उसकी रिसर्च के बारे में जागरुक करता है.इस खास दिन पर वैश्विक स्तर पर एड्स के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताते हैं और साथ ही दुनियाभर में लाखों लोगों जिन्होंने एड्स से अपनी जान गंवा दी उन लोगो को श्रद्धांजलि देते हैं.ये दिन विश्व एड्स वैक्सीन दिवस एचआईवी/एड्स से जुड़ी सभी जरुरी शिक्षा और मिथ को भी दूर करने का मौका प्रदान करते हैं।
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क्या है एड्स?
एड्स एक बहुत गंभीर बीमारी है जिसे हम एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम भी कहते हैं. ये एक गंभीर कंडीशन है जो ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) के चलते होती है.ये वायरस सीधे हमारे बॉडी के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है और सीडी4 सेल्स को अपने निशाना पर लेता है.आपको बता दें कि,ये सेल्स संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है…..एड्स का डाइग्नोसिस तब किया जाता है, जब एचआईवी (HIV) से पीड़ित व्यक्ति की इम्युनिटी गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है.सही वक्त पर इसका इलाज न किए जाने पर ये जान लेवा भी बन सकता है।
AIDS के लक्षण
एड्स के लक्षणों के बारे में बात करें तो इसके कई लक्षण देखे गए हैं.एड्स के लक्षणों में बुखार,जोड़ों का दर्द,ठंड लगना,मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, सूजी हुई ग्रंथियां, पसीना आना (खासकर रात में), शरीर पर लाल चकत्ते और थकान शामिल है।
कैसे फैलता है एड्स?
एड्स कई वजहों से फैलता है.जैसे कि एचआईवी खून, मेल सीमेन, वेजाइनल डिस्चार्ज, एनल फ्लूइड और ब्रेस्ट मिल्क के जरिए फैल सकता है.ये वायरस अनप्रोटेक्टेड यौन संबंध और एचआईवी संक्रमित खून से दूषित सुई या सीरिंज इस्तेमाल करने से भी फैल सकता है.एड्स की बीमारी गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान एचआईवी संक्रमित मां से बच्चों में भी फैल सकता है इसलिए गर्भावस्था के दौरान मां को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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