संतोष कुमार त्रिपाठी
Vat Savitri Vrat 2024: तहसील खजनी के अंतर्गत सुहागिन महिलाएं शास्त्रों के अनुसार वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन व्रत रखकर सुहागिनें वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करती हैं। वट वृक्ष की पूजा लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने के साथ ही हर तरह के कलह का नाश भी करती है।
Read More: मोदी सरकार 3.0 से BJP ने बुलाई अहम बैठक,JDS ने की बड़ी डिमांड
क्या है इस व्रत का महत्व ?
वट सावित्री व्रत का महत्व कहा जाता है कि वट वृक्ष के नीचे बैठकर ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित कर लिया था। इसी दिन सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले आई थीं। इसलिए पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनें इस दिन व्रत रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं सावित्री के समान अपने पति की दीर्घायु की कामना तीनों देवताओं से करती हैं, ताकि उनके पति को अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त हो सके।
बरगद पेड़ में कच्चा सूत क्यों बांधा जाता ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वट सावित्री व्रत के दिन बरगद पेड़ की विधिपूर्वत पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। सुहागिन महिलाएं वट सावित्री के दिन बरगद पेड़ की पूजा के साथ उसकी सात बार परिक्रमा करती हैं। इसके अलावा व्रती महिलाएं बरगद के पेड़ में सात बार कच्चा सूत भी लपेटती हैं। कहते हैं कि वट वृक्ष में सात बार कच्चा सूत लपेटने से पति-पत्नी का संबंध सात जन्मों तक बना रहता है। वट सावित्री के दिन बरगद पेड़ में कच्चा सूत क्यों बांधा जाता हैं।मान्यताओं के मुताबिक, बरगद के पेड़ पर कलावा बांधने से अकाल मृत्यु जैसे योग टल जाते हैं।
Read More: Haryana में सियासी हलचल के बीच CM सैनी और खट्टर ने JJP के दो विधायकों से की मुलाकात
बरगद के पेड़ की पूजा क्यों की जाती ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमराज ने माता सावित्री के पति सत्यवान के प्राणों को वट वृक्ष के नीचे ही लौटाया था और उन्हें 100 पुत्रों का वरदान दिया था। कहा जाता है कि उसके बाद से ही वट सावित्री व्रत और वट वृक्ष की पूजा की परंपरा शुरू हुई। मान्यता है कि वट सावित्री व्रत के दिन दिन बरगद पेड़ की पूजा करने से यमराज देवता के साथ त्रिदेवों की भी कृपा प्राप्त होती है।वट सावित्री व्रत रुद्रपुर, नगर पंचायत उनवल सहित कूड़ा भरत, मखानी,सरया तिवारी, सहित अन्य जगहों पर मनाया गया।
घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता
आपको बता दे कि वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने का विधान प्राचीन समय से चला आ रहा है. इस दिन सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ की विशेष पूजा-अर्चना करती हैं और व्रत रखती हैं. धार्मिक मान्यता है कि व्रत करने से पति की दीर्घ आयु होती है और रोगमुक्त जीवन होता है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. इसके अलावा पत्नी को सुखी वैवाहिक जीवन का वरदान प्राप्त होता है.
Read More: सहस्त्रताल में लापता ट्रैकर्स में से 9 लोगों की मौत,खराब मौसम के चलते फंसे थे लोग