- कुछ अलग हट कर है इस बार सहारनपुर जेल में मनाया गया करवाचौथ
- इस बार महिला बंदियों में दिखा करवा चौथ का उत्साह
- वरिष्ठ जेल अधिक्षका अमिता दुबे ने महिला बन्दियों का विधिवत भक्ति भाव से सम्पन्न कराया व्रत…चेहरे पर दिखी ख़ुशी
- सबंदी महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए रखा व्रत
- वरिष्ठ जेल अधीक्षक अमिता दुबे को धन्यवाद किया अर्पित
सहारनपुर संवाददाता- नज़म मंसूरी
Saharanpur: हिंदुओं का पारंपरिक त्योहार करवाचौथ हर वर्ष ज़िला कारागार में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मगर इस बार कुछ अलग हट के करवाचौथ का पर्व मनाया गया है। पहले जहां जेल मैनुअल के कुछ पाबंदियों में रहकर महिला बंदी को अपना करवाचौथ का व्रत पूरा करना होता था, पर जब से वरिष्ठ जेल अधिक्षका अमिता दुबे ने जेल की बागडोर संभाली है, तभी से जेल की कायाकल्प बदल गयी है। जेल में बंद कैदी उनकी निगरानी में एक पारिवारिक माहौल में जीवन जी रहें है, उन्हें लगता ही नही की वह किसी चार दिवारी में कैद है, यही वजह उनमें बदलाव की म्यार बहा रही है।
इस बार उत्तर प्रदेश सरकार में कारागार एवं होमगार्ड स्वतंत्र प्रभार मंत्री धर्मवीर प्रजापति के दिशा निर्देशों में उक्त कार्यक्रम संचालित हुआ। उनके निर्देश पर महिला बंदियों के लिए करवाचौथ को लेकर जेल में खास इंतजाम किए गए। इससे महिला बंदियों में सुबह से ही खासा उत्साह दिखाई पड़ा, व्रत रख रही महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र की दुआएं की, इसके साथ ही जेल प्रशासन द्वारा उनके लिये की गई व्यवस्था से उनके चेहरे पर एक अलग ही खुशी देखने को मिली, परिवारिक माहौल में उन्होंने अपना व्रत पूरा किया और इस दौरान महिलाओं ने दुआओं में वरिष्ठ जेल अधिक्षका अमिता दुबे को भी धन्यवाद अर्पित किया।
11 महिला बंदियों ने रखा है व्रत
जेल में 11 महिला बंदियों ने करवाचौथ का व्रत रखा है। 3 ऐसी दंपति हैं, जहां पति-पत्नी तीनों कारागार में हैं, जिनके लिए कारागार प्रशासन ने शाम को एक बार मुलाकात की व्यवस्था की है। जेल में सुबह से ही मिलने के दौरान परिवार वालों ने व्रत रह रही कई महिलाओं के लिए पूजन सामग्री आदि उपलब्ध कराई, लेकिन जिन महिलाओं के पास पूजन सामग्री नहीं थी, उनके लिए कारागार प्रशासन ने पूजन सामग्री की व्यवस्था की, 11 महिलाओं में अधिकांश सभी की व्यवस्था जिला कारागार प्रशासन ने ही करायी। महिला बंदियों ने आपस में मेहंदी लगाई और दिनभर श्रृंगार आदि में जुटी रहीं, वही वरिष्ठ जेल अधीक्षक अमिता दुबे ने बताया कि इस बार करवाचौथ व्रत को लेकर शासन की ओर से खास निर्देश आया था। इसलिए उसी प्रकार से पर्व मनाने की छूट दी गई है। जेल में करवा चौथ का त्यौहार हर्सोल्लास व धूमधाम से मनाया गया।
करवा चौथ पर लंबी उम्र के लिए रखा व्रत
जो महिला बंदी करवाचौथ का व्रत रखे हैं, उन्हें बैरक से बाहर निकाला गया और फिर चंद्रोदय होने के बाद वह चंद्रमा को अघ्य दिया। इसके बाद उनके व्रत खोलने की व्यवस्था जिला कारागार की ओर से की गई है। व्रत रख रही महिलाओं में काफ़ी उत्साह रहा, उन्होंने कहा भारतीय संस्कृति में करवाचौथ के व्रत का एक अलग ही महत्व होता है। इस दिन पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखती है, उन्होंने बताया कि करवाचौथ का व्रत पूरा होने के बाद व्रती महिला बंदियों के लिए व्यंजन की व्यवस्था की गई है। इसमें विभिन्न प्रकार के वयंजन और मीठा रहा। भोजन कराने के बाद उन्हें अपने बैरकों में भेज दिया गया।