Earth Asteroid Collision: 15 सितंबर 2024 की रात, एक विशाल एस्ट्रॉयड “ON 2024” तेज़ गति से धरती के पास से गुजरेगा। NASA के अनुसार, यह एस्ट्रॉयड लगभग 25,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करेगा और इसकी लंबाई करीब 720 फीट है, जो दो क्रिकेट पिचों के बराबर है। यह एस्ट्रॉयड धरती से 620,000 मील की दूरी से गुजरेगा, जो अंतरिक्ष के मानकों के अनुसार एक मामूली दूरी मानी जाती है।
टकराव की संभावना कम, लेकिन खतरा बना हुआ है
हालांकि, वैज्ञानिकों के अनुसार, इस एस्ट्रॉयड के धरती से टकराने की संभावना बेहद कम है, लेकिन इसके आकार और गति को देखते हुए इससे उत्पन्न होने वाली संभावित समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यदि किसी कारणवश इस एस्ट्रॉयड की दिशा बदल जाती है, तो इसके धरती से टकराने से प्राकृतिक आपदाएं जैसे कि भूकंप, तूफान या अन्य आपदाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
NASA की सतर्क निगरानी
NASA के नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम के वैज्ञानिक इस एस्ट्रॉयड पर बारीकी से निगरानी रख रहे हैं। कैलिफोर्निया के पासाडेना स्थित जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) में इसका ट्रैकिंग रडार और ऑप्टिकल दूरबीनों के माध्यम से किया जा रहा है। वैज्ञानिक इसकी गति और दिशा का लगातार अध्ययन कर रहे हैं ताकि संभावित खतरे से बचने के लिए समय रहते उपयुक्त उपाय किए जा सकें।
धरती पर हो सकता है हल्का कंपन
भले ही वर्तमान में एस्ट्रॉयड के धरती से टकराने का कोई सीधा खतरा नहीं है, फिर भी इसके धरती के करीब से गुजरने पर हल्का कंपन महसूस किया जा सकता है। NASA लगातार इसके स्पीड और दिशा पर नजर बनाए हुए है। यदि किसी भी प्रकार का खतरा महसूस होता है, तो समय रहते चेतावनी जारी की जाएगी।
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अंतरिक्ष में खतरे की गुंजाइश
वैज्ञानिकों ने 13 अप्रैल 2029 को एक अन्य खतरनाक एस्ट्रॉयड, अपोफिस, के धरती से टकराने की संभावना जताई है। अपोफिस का आकार भी बड़ा है और इसके धरती के करीब से गुजरने पर संभावित खतरे को लेकर शोध और तैयारी जारी है। इससे पहले भी 2013 में रूस के चेलीबिंस्क शहर में एक एस्ट्रॉयड के विस्फोट ने भारी नुकसान पहुंचाया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि एस्ट्रॉयड की टकराहट कितनी विनाशकारी हो सकती है।
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NASA और ESA की तैयारियां
NASA और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) जैसी कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इन खतरनाक एस्ट्रॉयडों पर गहन शोध और निगरानी कर रही हैं। इन एजेंसियों के वैज्ञानिक नियमित रूप से डेटा और अपडेट्स प्रदान करते हैं, जिससे संभावित खतरों का अनुमान लगाने और उन्हें प्रबंधित करने में सहायता मिलती है। NASA अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस संदर्भ में लगातार अपडेट्स जारी करता रहेगा, ताकि आम जनता को समय पर जानकारी मिल सके और कोई भी आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होने पर सतर्कता बरती जा सके।
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पिछले घटनाएं और उनका प्रभाव
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से, धरती पर एस्ट्रॉयड के प्रभाव का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है। 1908 में तुंगुश्का में एक एस्ट्रॉयड के विस्फोट ने बड़े पैमाने पर जंगल को नष्ट कर दिया था। इसी तरह, 2013 में रूस के चेलीबिंस्क में एस्ट्रॉयड के विस्फोट ने कई इमारतों को क्षतिग्रस्त कर दिया और सैकड़ों लोग घायल हुए। ये घटनाएं यह साबित करती हैं कि भले ही वर्तमान में खतरा कम हो, लेकिन एस्ट्रॉयडों की धरती से टकराहट के संभावित प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। NASA और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा इसकी निगरानी और शोध जारी रहेगा ताकि किसी भी संभावित खतरे से समय रहते निपटा जा सके।
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