Ansari remain a Member of Parliament:इलाहाबाद हाई कोर्ट सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में मिली चार साल की सजा से जुड़ी याचिका पर फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने 4 जुलाई को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अगर हाई कोर्ट ने एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा 29 अप्रैल 2023 को सुनाई गई चार साल की सजा को बरकरार रखा,
तो अफजाल अंसारी की सांसद सदस्यता समाप्त हो जाएगी।इस मामले में, भाजपा के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के संबंध में अफजाल अंसारी को दोषी ठहराया गया था। वर्तमान में, सुप्रीम कोर्ट से शर्तों के साथ राहत मिलने के बाद यह मामला हाई कोर्ट में चल रहा है।
अभी तक इस केस में क्या-क्या हुआ?
गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के तहत चार साल की सजा सुनाई थी। भारतीय संविधान और चुनावी नियमों के अनुसार, दो साल या उससे अधिक की सजा प्राप्त करने पर किसी भी जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त हो जाती है। इसके चलते, 1 मई 2023 को लोकसभा स्पीकर ने अफजाल अंसारी की सदस्यता समाप्त करने का आदेश जारी किया।अफजाल अंसारी ने इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी। हालांकि, हाई कोर्ट ने उन्हें गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत तो दी, लेकिन सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
इसके बाद, अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दलील दी कि वह गाजीपुर जिले की 20 लाख की जनता के प्रतिनिधि हैं, और उनकी सदस्यता समाप्त होने से जिले का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलील पर गौर करते हुए, पाबंदी के साथ उनकी लोकसभा सदस्यता को जारी रखने का आदेश दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट को भेजते हुए आदेश दिया कि 30 जून 2023 तक इस केस पर अंतिम फैसला लिया जाए। इस स्थिति पर इलाहाबाद हाई कोर्ट अब सोमवार को फैसला सुनाएगा, जो यह तय करेगा कि अफजाल अंसारी की सांसद सदस्यता बरकरार रहेगी या समाप्त हो जाएगी।
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हाईकोर्ट में क्या रखा अफजाल अंसारी ने तर्क?
बता दें कि हाई कोर्ट में अफजाल अंसारी की तरफ से तर्क रखा गया है कि कृष्णानंद राय हत्याकांड के मुख्य केस में अफजाल अंसारी साजिश रचने के आरोपी थे। इस मामले में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था।ऐसे में मुख्य केस में बरी होने के बाद गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में उनकी सजा को भी रद्द किया जाए।
यूपी सरकार भी कोर्ट पहुंच गई
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार भी इस केस को लेकर कोर्ट चली गई. यूपी सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में कहा गया कि इस मामले में अफजाल अंसारी की सजो को 4 साल से अधिक बढ़ाया जाए। पीड़ित परिवार और यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि इस केस में मुख्तार के साथ-साथ अफजाल भी बराबर के साथी रहे हैं. ऐसे में उन्हें भी 10 साल की सजा सुनाई जाए।