Business News: त्योहारों के इस सीजन में फिर से आम जनता को महंगाई का तगड़ा झटका लगा है सोमवार को जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) 1.81 फीसदी हो गई। यह अगस्त में 1.31 फीसदी थी। पिछले साल की बात करें तो यह (-)0.07 फीसदी थी। खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति पिछले महीने बढ़कर 11.53 प्रतिशत हो गई। अगस्त में यह 3.11 प्रतिशत थी हालांकि सितंबर में थोक महंगाई फिर भी एक्सपर्ट के अनुमान से कम रही। एक्सपर्ट का मानना था कि,सितंबर में थोक महंगाई 1.92 फीसदी रह सकती है।
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कीमतों में उछाल के बीच थोक महंगाई
खाने-पीने की चीजों की कीमतों में उछाल के बीच थोक महंगाई सितंबर में सालाना आधार पर 1.84 प्रतिशत हो गई। इससे एक महीना पहले यानी अगस्त में यह 1.31 प्रतिशत थी। हालांकि यह फिर भी अनुमान से कम रही। एक्सपर्ट का मानना था कि,इस बार थोक महंगाई 1.92 फीसदी तक पहुंच सकती है। खुदरा महंगाई के आंकड़े भी आज ही जारी होंगे।
दर या रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। आरबीआई ने इसी महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दर या रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आज ही जारी होने हैं।
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आखिर क्यों बढ़ रही थोक महंगाई?
थोक महंगाई बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है, सब्जियों के आसमान छूते दाम। आलू और प्याज की मुद्रास्फीति सितंबर में क्रमशः 78.13 प्रतिशत और 78.82 प्रतिशत पर उच्च स्तर पर बनी रही। ईंधन और बिजली श्रेणी में सितंबर में 4.05 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई, जबकि अगस्त में 0.67 प्रतिशत की अपस्फीति थी।
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उद्योग मंत्रालय का बयान
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि,सितंबर, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, मोटर वाहनों, ट्रेलरों और अर्ध-ट्रेलरों के निर्माण, मशीनरी और उपकरणों के निर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के महंगे होने से थोक मूल्य मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 1.84 फीसदी हो गई। अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 1.31 फीसदी थी। पिछले साल सितंबर में यह 0.07 फीसदी घटी थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 11.53 फीसदी हो गई, जबकि अगस्त में यह 3.11 फीसदी थी।