Sukhbir Singh Badal: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) के ऊपर अमृतसर (Amritsar) के स्वर्ण मंदिर में जानलेवा हमला हुआ जिसमें सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से वह बाल-बाल बच गए।गोल्डेन टेंपल में जिस समय सुखबीर बादल सेवादार की ड्यूटी दे रहे थे तभी अचानक अधेड़ उम्र के शख्स जिसकी पहचान नारायण सिंह चौरा के रुप मे हुई है उसने फायरिंग कर दी जिसके बाद वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने चौरा को पकड़ लिया इस घटना के बाद स्वर्ण मंदिर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
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सुखबीर बादल पर गोली चलाने वाला नारायण सिंह चौरा का आपराधिक इतिहास

सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) पर गोली चलाने वाले नारायण सिंह चौरा को अमृतसर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।नारायण सिंह चौरा का आपराधिक इतिहास रहा है जो एक बड़ा आतंकवादी है कई तरह के आपराधिक मामलों उसका इससे पहले नाम रहा है नारायण सिंह चौरा गुरदासपुर जिले के चौरा गांव का रहने वाला है।नारायण सिंह चौरा खालिस्तानी आतंकी है जो बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड रह चुका है,बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादी जगतार सिंह हवारा,परमजीत सिंह भेओरा,जगतार सिंह तारा और देवी सिंह को जेल से भगाने का मास्टरमाइंड रहा है।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संगठन से जुड़ा है आरोपी चौरा

बब्बर खालसा इंटरनेशनल एक अलगाववादी आतंकी संगठन है जिसको खालिस्तानी विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आतंकी संगठन को पाकिस्तान और इंडिया के बाहर रहे कुछ सिख समूहों का समर्थन प्राप्त है। आतंकी नारायण सिंह चौरा के बारे में पुलिस ने बताया कि, साल 1984 में वह पाकिस्तान चला गया था 80 के दशक में जब पंजाब में आतंकी गतिविधियों की शुरुआत हुई उस समय चौरा हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में शामिल रहा।
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2004 बुड़ैल जेल ब्रेक मामले में आतंकियों को भगाने में रहा मुख्य मददगार
साल 2004 में आतंकवादी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भेओरा,जगतार सिंह तारा और देवी सिंह पंजाब की बुड़ैल जेल के बैरक नंबर 7 में कैद थे 21-22 जनवरी को सुरंग की खुदाई कर चारों आतंकियों को जेल से भागने में चौरा ने मदद की थी। जेल में बंद आतंकियों ने भूख हड़ताल की और जेल प्रशासन के सामने मांग रखी कि उन्हें कुछ मूलभूत सुविधाएं जेल के भीतर उपलब्ध कराई जाएं जिसमें उनकी एक मांग जेल परिसर में जिम का सामान मुहैया कराना भी शामिल था। जेल के भीतर सुरंग खोदने के लिए आतंकियों ने वेट लिफ्टिंग रॉड का इस्तेमाल किया नारायण सिंह चौरा के ऊपर जेल में आतंकियों को मोबाइल मुहैया कराने का भी आरोप है जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट को बताया कि,बुड़ैल जेल ब्रेक में नारायण सिंह चौरा आतंकियों का मुख्य मददगार था।
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