Heatstroke Or Suntroke:गर्मियों के दिनों में अपने देश के कई शहरों में तापमान इतना ज्यादा हो जाता है कि घर से बाहर निकलना ही मुश्किल होने लगता है।इतना ही नहीं इन दिनों दोपहर के समय बाहर बहुत तेज गर्म हवाएं चलती हैं, इन गर्म हवाओं को ही लू कहते हैं। वहीं ये गर्म हवाएं जब आपके शरीर के संपर्क में आती हैं तो शरीर का तापमान बढ़ा देती हैं और इस वजह से कई समस्याएं होने लगती हैं।वहीं बच्चे और बूढ़े लोग लू की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। वहीं गर्मी में सेहत पर सबसे बड़ी मार सूरज की तपिश की पड़ती है। सूरज की तपिश बढ़ने से दोपहर के समय बाहर बहुत तेज गर्म हवाएं (लू) चलती हैं। इससे हीट स्ट्रोक यानी लू लगने का खतरा सबसे अधिक रहता है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।डायरिया, टाइफाइड, त्वचा संक्रमण होने की भी आशंका रहती है।
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बचाव के तरीके?
- बच्चों, बुजुर्गों व महिलाओं को धूप में अधिक नहीं निकलना चाहिए।
- धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करना चाहिए। सिर व चेहरा कपड़े से ढका होना चाहिए।
- पर्याप्त मात्रा में पानी व जूस का इस्तेमाल करना चाहिए। कपड़े ढीले पहनना चाहिए।
- धूप से आंखों के बचाव के लिए काले चश्मे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- फलों का जूस, नारियल पानी, सतू, बेल का शरबत, छाछ आदि के इस्तेमाल से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
- पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू लगने का खतरा कम रहता है।
- धूप में बाहर जाते वक्त खाली पेट नहीं जाना चाहिए।
- सब्जियों के सूप का सेवन करने से भी लू से बचा जा सकता है।
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लू लगने पर क्या करें..
- सबसे पहले ठंडे स्थान पर लेट जाएं. लेकिन एसी को बहुत तेज ना करें. शरीर को हवा लगने दें।
- गीले कपड़े से शरीर को हल्के हाथों से पोंछे।
- सांस नॉर्मल करने का प्रयास करें और ताजा पानी पिएं. इलेक्ट्रॉल घोल, नींबू पानी पीना सबसे अधिक लाभकारी होता है।
- फिर थोड़ी देर के लिए गीला तौलिया सिर पर रखें ताकि मस्तिष्क शांत हो सके।
- शरीर का तापमान नियंत्रित होने पर ताजे पानी से स्नान करें।
- उल्टी-पेटदर्द और लूज मोशन होने की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें।
- यदि बुखार हो जाए तब भी अपने मन से दवाएं ना लें और डॉक्टर से सुझाव लेकर ही दवाओं का सेवन करें।