Vishal Tiwari
Protem Speaker : लोकसभा का चुनाव खत्म हो चुका है,परिणाम भी आ गया है और नई सरकार का गठन भी हो चुका है…ऐसे में लोकसभा के सदस्यों को शपथ दिलाने और अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए प्रोटेम स्पीकर शब्द लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।आखिर क्या होता है प्रोटेम स्पीकर का पद आइए जानते हैं इस खास खबर में….
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में लोकसभा का चुनाव खत्म हो चुका है और 18वीं लोकसभा का गठन भी हो चुका है…लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में प्रोटेम स्पीकर का पद लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। जिसको लेकर लोग ये जानने को उत्सुक हैं कि आखिर क्या होता है प्रोटेम स्पीकर का पद। दरअसल भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा के प्रो-टेम स्पीकर के रूप में नियुक्त किया है और उन्हें शपथ दिलाई है। आपको बता दें कि प्रो-टेम स्पीकर की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत की जाती है, जो अध्यक्ष के चुनाव तक उसके कर्त्तव्यों का पालन करता है।
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क्या होता है प्रोटेम स्पीकर का पद ?
- प्रो-टेम ‘लैटिन’ भाषा का एक शब्द है
- जिसका अर्थ है “फिलहाल के लिये”
- नव-निर्वाचित संसद की करता है अध्यक्षता
- सबसे वरिष्ठ सदस्य होता है नियुक्त
- नए अध्यक्ष तक ही रहता है कार्यकाल
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क्या होता है प्रोटेम स्पीकर का काम
- सभी नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलवाना।
- लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव इन्हीं की देखरेख में होता है।
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जानें प्रोटेम स्पीकर के कर्तव्यों के बारे में..
प्रो-टेम स्पीकर को नव निर्वाचित सदन की बैठकों की अध्यक्षता करने के लिये नियुक्त किया जाता है। सामान्यतः सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रो-टेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। आपको बता दें कि जब सदन द्वारा नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है, तो प्रो-टेम स्पीकर का पद समाप्त हो जाता है।
प्रोटेम स्पीकर के अधिकारों के बात तो हमने कर ली लेकिन आइए जानते हैं प्रोटेम स्पीकर के कर्तव्यों के बारे में दरअसल प्रो-टेम स्पीकर लोकसभा की पहली बैठक की अध्यक्षता करता है और अध्यक्षता करने के साथ साथ नवनिर्वाचित सांसदों को पद की शपथ भी दिलाता है। इसके अलावां स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के लिये वोटिंग का संचालन करता है ।साथ ही फ्लोर टेस्ट का आयोजन भी करता है।