Input- Mayuri
SCO Summit: शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी एससीओ की वर्चुअल समिट आयोजित हुई….इस बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ भी शामिल हुए. बैठक की अध्यक्षता भारत ने की. संयुक्त मौजूदगी में सदस्य देश के नेताओं का उद्देश्य अलग-अलग मुद्दों पर केन्द्रित लग रहा था…..
प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने उठाया मुद्दा
शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ देश अपनी नीतियों के औजार के तौर पर सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने एससीओ से ऐसे देशों की आलोचना करने का भी आह्वान किया. पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं हो सकती.
बैठक के मेजबान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मंच को अपने देश के बढ़ते कद का संकेत देने के लिए भी इस्तेमाल किया. भारत ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर निशाना साधने के अवाला अन्य देशों से ‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई’ में एकजुट होने का आह्वान किया…..
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ये कहा
बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन पर मास्को के हमले के बाद रूस पश्चिमी प्रतिबंधों का विरोध करना जारी रखेगा. पुतिन ने स्थानीय मुद्राओं में एससीओ देशों के बीच व्यापार समझौतों का समर्थन किया. पुतिन ने कहा कि ये कदम प्रतिबंधों को कम करने के प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैगनर के विद्रोह को रोके जाने का जिक्र किया. पुतिन ने कहा कि एससीओ चीन और रूस के नेतृत्व में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर बना एक क्षेत्रीय ढांचा है. बता दें कि जून के अंत में वैगनर समूह के विद्रोह के बाद यह पहली बार था जब पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ देखा गया.
शी जिनपिंग ने कहा
चीन के शीर्ष नेता शी जिनपिंग के लिए शिखर सम्मेलन “शक्ति की राजनीति” को समाप्त करने का आह्वान करके संयुक्त राज्य अमेरिका को घेरने का एक और अवसर था. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ सम्मेलन के दौरान डॉलर को त्यागने का प्रस्ताव दिया.
भारत के लिए अहम रहा ये समिट
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों ने मंगलवार को नई दिल्ली डिक्लेरेशन को स्वीकार कर लिया. इसकी घोषणा विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने भारत द्वारा आयोजित डिजिटल शिखर सम्मेलन के बाद की थी. क्वात्रा के मुताबिक, राष्ट्रों ने दो संयुक्त बयान जारी किए – एक अलगाववाद, चरमपंथ और आतंकवाद की ओर ले जाने वाले कट्टरपंथ का मुकाबला करने में सहयोग पर था और दूसरा डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग पर था.