Rahul Gandhi On Budget: आज संसद के मानसून सत्र का नौंवां दिन है। संसद की दोनों सदनों में दिल्ली कोचिंग हादसे का मुद्दा पीक पर रहा। संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्रीय बजट 2024 को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। लोकसभा में आम बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण ने भारी हंगामा खड़ा कर दिया। सत्ता पक्ष ने राहुल गांधी के कई बयानों पर आपत्ति जताई। इस दौरान स्पीकर ओम बिड़ला ने नेता प्रतिपक्ष से सदन के नियमों का पालन करने की बात कही। अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए।
राहुल गांधी की बात पर निर्मला सीतारमण ने पकड़ लिया माथा
राहुल गांधी ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि बजट बनाने वाले 20 अधिकारियों में से केवल दो अल्पसंख्यक या ओबीसी समुदाय से हैं। उनके इस बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण असहज हो गईं और उन्होंने अपना माथा पकड़ लिया। राहुल गांधी ने स्पीकर से बजट के बाद हलवा समारोह की तस्वीर दिखाने की अनुमति मांगी, जिसे स्पीकर ने अस्वीकार कर दिया।
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इंटर्नशिप प्रोग्राम और पेपर लीक मुद्दे पर सवाल
राहुल गांधी ने अपने भाषण में पेपर लीक मुद्दे का जिक्र न करने के लिए वित्त मंत्री पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में देश में पेपर लीक के 70 मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि देश का हर युवा पेपर लीक पर वित्त मंत्री का जवाब सुनना चाहता था। राहुल गांधी ने कहा कि केंद्रीय बजट 2024 में पेश किए गए इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत 99% युवा पात्र नहीं होंगे। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि युवाओं के लिए आपने क्या किया? इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अग्निवीर योजना को लेकर नेता प्रतिपक्ष देश को गुमराह कर रहे हैं।
सदन में हंगामा और विवाद चरम पर
राहुल गांधी के भाषण के दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ। किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप सदन के नियम नहीं जानते, आप सदन के अध्यक्ष को चुनौती देते हैं। राहुल गांधी के बजट पर तीखे हमलों के बीच, सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। इसी बीच राहुल गांधी ने हलवा सेरेमनी की एक तस्वीर सदन में दिखाने की कोशिश की, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने साफ मना कर दिया। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘मैं तस्वीर दिखाकर कुछ समझाना चाहता हूं कि बजट का जो हलवा बंट रहा है और इस तस्वीर में एक भी ओबीसी अधिकारी नहीं दिख रहा है। यहां तक कि एक आदिवासी अधिकारी और एक दलित अधिकारी तक नहीं दिख रहा। यह आखिर हो क्या रहा है। देश का हलवा बंट रहा है और इसमें केवल वही लोग नहीं हैं।’
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ओबीसी और अल्पसंख्यकों की उपेक्षा पर गंभीर लगाया आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्रीय बजट बनाने वाले अधिकारियों में ओबीसी और अल्पसंख्यकों की भागीदारी बहुत कम है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि बजट बनाने वाले 20 अधिकारियों में से केवल दो अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और वे तस्वीर में भी नहीं हैं। इस बयान ने सदन में और अधिक विवाद को जन्म दिया। राहुल गांधी के भाषण ने न केवल सदन में हंगामा पैदा किया, बल्कि बजट पर गंभीर सवाल भी खड़े किए। सरकार के खिलाफ उनके आरोपों ने विपक्ष को मजबूती दी, वहीं सत्ता पक्ष ने भी उनका जमकर विरोध किया। इस पूरे मामले ने यह साफ कर दिया कि बजट पर चर्चा के दौरान राजनीतिक ड्रामा अपने चरम पर था। लोकतंत्र में इस तरह की बहसें महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि वे सदन के नियमों के तहत हों और स्वस्थ चर्चा का हिस्सा बनें।
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