Hathras Satsang Stampede : हाथरस जिले के फुलरई गांव में प्रवचनकर्ता बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के कार्यक्रम में मंगलवार को करीब ढाई लाख अनुयायी एकत्र हुए थे। इस दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं। अधिकतर अनुयायियों की मौत दम घुटने के कारण हुई। वहीं कई लोग अब भी घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच पहली बार मामले को लेकर भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का बयान सामने आया है।
भोले बाबा ने बयान जारी करते हुए घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है और दावा किया कि असामाजिक तत्वों द्वारा भगदड़ मचाई गई और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने अपने वकील के जरिए बयान जारी करते हुए कहा कि हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और परमात्मा से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।
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हादसे पर क्या बोला बाबा?
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील डॉ एपी सिंह को भगदड़ मचाने वाले असमाजिक तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है। मैं 2 जुलाई को गांव फुलारी, सिकंदराराऊ, हाथरस आयोजित सत्संग से काफी समय पहले ही निकल चुका था।
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FIR में बाबा का नाम नहीं दर्ज
आपको बता दें कि हाथरस भगदड़ मामले में यूपी पुलिस ने सत्संग के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। आरोप है कि इस कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के जुटने की अनुमति थी, लेकिन ढाई लाख लोगों को जुटाया गया। हालांकि, FIR में भोले बाबा का नाम दर्ज नहीं है। FIR में आरोप लगाया गया है कि आयोजकों ने अनुमति मांगते समय सत्संग में आने वाले भक्तों की असल संख्या छिपाई, ट्रैफिक मैनेजमेंट में मदद नहीं की और भगदड़ के बाद सबूत छिपाए।
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सत्संग के आयोजक
इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है, उनमें से 26 लोग सत्संग के आयोजन से जुड़े हुए हैं। सत्संग, धार्मिक अनुष्ठान, शोभायात्रा जैसे कार्यक्रमों में आयोजकों पर हर तरह का जिम्मा होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, आयोजकों ने प्रशासन से सत्संग में शामिल होने के लिए 80 हजार लोगों की परमिशन ली थी. लेकिन ढाई लाख से ज्यादा भीड़ जुट गई। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आयोजकों को इतनी भीड़ जुटने का अंदाजा नहीं था? भीड़ बढ़ने के हिसाब से इंतजाम क्यों नहीं किए गए?