Wayanad Landslide:वायनाड में हाल ही में हुए भूस्खलन के बाद भूमि तबाही मची है। भूस्खलन के परिणामस्वरूप मौत की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। इस घटना के बाद, वायनाड के प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यक्रम जारी हैं। यह अभियान सोमवार को सातवें दिन भी जारी रहा है।
भूस्खलन के परिणामस्वरूप, स्थानीय अधिकारियों और सेना द्वारा संचालित इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करना है, साथ ही स्थितियों को नियंत्रित करने में मदद करना है। इस दुर्घटना के बाद, सरकार ने स्थानीय निवासियों के साथ संवाद बढ़ाया है और उनकी सुरक्षा और राहत की व्यवस्था में प्रतिबद्ध है।
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अब तक 387 की मौत, कई लापता
समाचार एजेंसी के मुताबिक 2 अगस्त तक मरने वालों की संख्या 387 हो गई है। रविवार तक 220 शव बरामद किए जा चुके हैं और 180 लोग अभी भी लापता हैं।राहत अभियान के तहत वायनाड में कुल 53 शिविर स्थापित किए गए हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, जिले भर में 1983 परिवारों, 2501 पुरुषों, 2677 महिलाओं, 1581 बच्चों और 20 गर्भवती महिलाओं सहित 6759 लोगों को इन शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।सरकार ने मेप्पाडी और अन्य ग्राम पंचायतों में 16 शिविर स्थापित किए हैं, जिनमें 9 आश्रय और 7 बचाव शिविर शामिल हैं।
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सामूहिक अंतिम संस्कार
30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में भूस्खलन के बाद बड़ी तबाही हुई है, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ। इस दुर्घटना में मारे गए अन्यायपूर्ण लोगों के पार्थिव शरीर का सामूहिक अंतिम संस्कार रविवार देर रात जिला प्रशासन ने किया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने जिला प्रशासन को सर्वधर्म प्रार्थना के साथ औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था। उन्होंने इस परिस्थिति को गंभीरता से लेकर, चूरलमाला और मुंडक्कई में पुलिस की रात्रि गश्त शुरू कर दी गई है।