Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन राज्य की सियायत अभी से गरमा गई है। लोकसभा में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज महाविकास अघाड़ी के नेताओं के साथ महाराष्ट्र में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए।इस दौरान उनके साथ मंच पर एनसीपी (शरद पवार) के मुखिया शरद पवार भी शामिल रहें लेकिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस कार्यक्रम में कहीं नहीं दिखे।
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दिवंगत पतंगराव कदम की प्रतिमा का अनावरण
जनसभा से पहले राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के सांगली में पूर्व राज्य मंत्री दिवंगत पतंगराव कदम की प्रतिमा का अनावरण किया। दिवंगत पतंगराव कदम का 2018 में निधन हो गया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और शरद पवार स्वर्गीय पतंगराव कदम की प्रतिमा के अनावरण और स्मारक के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।
विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के अभियान की शुरुआत
लोकसभा अध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए अभी से अपनी तैयारी शुरु कर दी है।महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस यूबीटी सेना और एनसीपी-एसपी के साथ गठबंधन करके राज्य में चुनाव लड़ेगी। भाजपा-शिवसेना की सरकार का कार्यकाल नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है।
राहुल गांधी ने किया जनसभा को संबोधित
सांगली में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा,आप लोगों के डीएनए में हमारी विचारधारा है और लड़ाई विचारधारा की है जो आप हिंदुस्तान में देख रहे हैं ये केवल राजनीति नहीं है पहले राजनीति चलती है आज हिंदुस्तान में विचारधाराओं का युद्ध चल रहा है। एक ओर कांग्रेस पार्टी और दूसरी तरफ भाजपा। हम सामाजिक विकास चाहते हैं, हम सबको जोड़कर साथ आगे बढ़ना चाहते हैं और वो लोग चाहते हैं कि चुने हुए लोगों को ही फायदा मिले..इसी बात की लड़ाई हमारे बीच में है और आपको ये पूरे देश में दिखेगा।राहुल गांधी ने कहा मैंने लोकसभा में कहा है कि,कुछ भी हो जाए जातीय जनगणना करवाएगी तो कांग्रेस पार्टी और हमारा गठबंधन करवाएगा क्योंकि हम देश की सच्चाई समझना चाहते हैं कि इस देश के धन का फायदा किस वर्ग को हो रहा है?
मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा चुनने की कोई जरूरत नहीं-शरद पवार
इससे पहले 4 सितंबर को एनसीपी-एसपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि,महाविकास अघाड़ी गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है और इस पद पर अंतिम फैसला महाराष्ट्र में चुनाव के बाद किया जाएगा। पवार ने कहा ऐसा पहले भी कई बार हुआ है जब कोई पार्टी या गठबंधन बिना किसी चेहरे के चुनाव में उतरा है और चुनाव के बाद सरकार चलाने के लिए किसी को चुन लिया गया है। उदाहरण के लिए 1977 में आपातकाल के तुरंत बाद हुए चुनाव में किसी को भी प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाया गया था। जयप्रकाश नारायण का नाम सबसे आगे था, चुनाव हुआ और जब प्रधानमंत्री चुनने की बात हुई तो मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री चुना गया। इसलिए मेरा मानना है, कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा चुनने की कोई जरूरत नहीं है। चुनाव के बाद जनता के बहुमत के आधार पर हम सब मिल-बैठकर आपस में चर्चा करके मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा चुनेंगे।