Waqf Amendment Bill: लोकसभा में वक्फ बिल संशोधन 2025 को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच बहस तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद गौरव गगोई ने इस बिल को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वक्फ बिल के संशोधन में सरकार का एक ही मार्गदर्शक है, और वह है भारत का संविधान। गौरव गगोई ने कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक न्याय, विचार, धर्म, और उपासना की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, लेकिन यह वक्फ बिल संविधान के मूल ढांचे पर हमला करने जैसा है। उन्होंने मोदी सरकार से सवाल किया कि क्या उन्हें पता है कि लोकसभा में कितने अल्पसंख्यक सांसद हैं, और क्या सरकार इस संशोधन के जरिए उनकी भूमि का शोषण करने की कोशिश कर रही है।
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना

वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान अपनी पार्टी का विरोध दर्ज कराया। हालांकि, उनकी बातों में वोट बैंक की राजनीति की झलक साफ दिखी। अखिलेश यादव ने चर्चा के बजाय बीजेपी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी, 2016 की नोटबंदी, महाकुंभ भगदड़ में हुई मौतों और वोटों के ध्रुवीकरण पर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस वक्फ बिल का विरोध करती है और इसे बीजेपी की नाकामी छिपाने का एक तरीका मानती है।
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज करते हुए उठाए कई मुद्दे

अखिलेश यादव ने अपनी बातों में बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि वह विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है, लेकिन अपनी अध्यक्ष पद की नियुक्ति में देरी कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन एक बड़े सदस्य प्रक्रिया के तहत किया जाता है, जो समय लेता है। इसके बाद, अखिलेश यादव ने 2016 की नोटबंदी पर सवाल उठाया और कहा कि नोटों की बरामदगी अब भी हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने महाकुंभ में हुई भगदड़ और मौतों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने महाकुंभ में मरे लोगों के नाम सार्वजनिक नहीं किए और केवल 30 की मौत का हिसाब बताया।
धर्म और राजनीति का मिश्रण नहीं चलेगा: अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि बीजेपी धर्म के नाम पर राजनीति करती है, जो समाज के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर कारोबार नहीं होना चाहिए और महाकुंभ में कमाई के आंकड़े भी सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इस बिल का सहारा ले रही है। अखिलेश ने यह भी कहा कि यूपी में बीजेपी का वोट प्रतिशत कम हो गया है और पार्टी के अपने लोग ही उसके खिलाफ हैं।
वक्फ बिल का विरोध जारी
अखिलेश यादव ने वक्फ बिल को बीजेपी का एक और तरीका बताया जिससे मुसलमानों की ज़मीन को उनके आर्थिक मित्रों को सौंपने की योजना है। उन्होंने दावा किया कि पीडीए के लोग इसका जवाब देंगे और समाजवादी पार्टी इस बिल का विरोध करती रहेगी। उनके अनुसार, यह बिल बीजेपी की नाकामी को छिपाने का एक और प्रयास है, चाहे वह नोटबंदी हो, महाकुंभ हो या बेरोजगारी।

लोकसभा में वक्फ बिल संशोधन 2025 को लेकर विवाद और बहस का दौर जारी है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस बिल को लेकर सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। दोनों पार्टियों ने इसे संविधान और समाज के मूल्यों के खिलाफ करार दिया है, जबकि बीजेपी इसे एक आवश्यक कदम मानती है।