Waqf Amendment Bill: केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को संसद में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) 2024 पेश किया। लोकसभा में भारी हंगामे के बीच रिजिजू ने यह विधेयक पेश किया। विधेयक पेश होते ही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे अधिकारों पर चोट करार दिया। कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) और एआईएमआईएम ने भी विधेयक का विरोध किया।
सपा सांसद मोहिबुल्लाह ने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि अन्य धर्मों को अपने-अपने वैधानिक निकायों में प्रतिनिधि रखने की अनुमति है, तो मुसलमानों को क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इसकी कीमत आने वाली सदियों तक चुकानी पड़ेगी।
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हंगामे के कारण राज्यसभा भी हुई स्थगित
राज्यसभा को दोपहर 2 बजे के लिए स्थगित कर दिया गया है। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश होने के बाद हंगामा जारी है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों को ध्यान में रखकर लाया गया है। सरकार ने विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और संचालन बताया है। इसमें वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 को हटाया जा रहा है, जिसके तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार था। सरकार का कहना है कि संशोधन विधेयक के पीछे का मकसद वक्फ बोर्डों के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाना है।
विपक्ष ने जतायी आपत्तियां
वक्फ बोर्ड कानून के संशोधन का विरोध करने वाले लोगों का मानना है कि यह फैसला वक्फ संपत्तियों के खिलाफ है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस बात की गारंटी दी जाए कि वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी। विरोधियों का कहना है कि संशोधन से प्रशासनिक अराजकता होगी, वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी और सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा।
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क्या है वक्फ?
वक्फ का मतलब है मुस्लिम कानून द्वारा पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी चल या अचल संपत्ति का किसी भी व्यक्ति द्वारा दान देना। वक्फ अधिनियम 1995, एक ‘वकीफ’ (वह व्यक्ति जो मुस्लिम कानून द्वारा धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए संपत्ति समर्पित करता है) द्वारा ‘औकाफ’ (दान की गई और वक्फ के रूप में अधिसूचित संपत्ति) को नियंत्रित करने के लिए लाया गया था। विधेयक को लेकर जिस तरह का हंगामा हो रहा है, उससे यह साफ है कि सरकार और विपक्ष के बीच विचारधारात्मक मतभेद गहराते जा रहे हैं। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता के दावे के बावजूद, यह विपक्ष की चिंता का विषय बना हुआ है।
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