Manipur: मणिपुर (Manipur) में हाल के हमलों और बिगड़ती कानून-व्यवस्था को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. केंद्र ने मणिपुर के पांच जिलों – इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, जिरीबाम, कांगपोकपाई और बिष्णुपुर के छह पुलिस थानों को AFSPA (Armed Forces Special Powers Act) के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है. इसका मतलब है कि इन इलाकों में अब फिर से AFSPA लागू किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि इन क्षेत्रों को 1 अक्टूबर, 2024 से छह महीने के लिए AFSPA अधिसूचना से बाहर कर दिया गया था.
AFSPA की पुन: बहाली

बताते चले कि, AFSPA को अप्रैल 2022 में मणिपुर (Manipur) सरकार ने बेहतर सुरक्षा स्थिति और आम जनता के बीच सुरक्षा की भावना को देखते हुए हटाया था. मगर अब स्थिति बिगड़ने के कारण इसे फिर से लागू करना पड़ा है. गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, इम्फाल पश्चिम के सेकमाई और लामसांग, इम्फाल पूर्व के लामलाई, जिरीबाम के जिरीबाम थाना सीमा, बिष्णुपुर के मोइरांग और कांगपोकपी जिले के लीमाखोंग को “अशांत क्षेत्र” घोषित कर दिया गया है. इन क्षेत्रों में अब सुरक्षाबलों को समन्वित अभियान चलाने और विद्रोही गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अतिरिक्त अधिकार मिल गए हैं.
AFSPA: सशस्त्र बलों को असीमित शक्तियां

AFSPA अधिनियम सशस्त्र बलों को असीमित शक्तियां प्रदान करता है, जिससे वे बिना किसी वारंट के तलाशी ले सकते हैं और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. यह अधिनियम विशेष रूप से विद्रोह और आतंकवाद से निपटने के लिए लागू किया जाता है, जहां सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने और भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सशक्तिकरण की आवश्यकता होती है.
हिंसा के हालात और AFSPA की आवश्यकता

जिरीबाम (Jiribam) जिले में 11 नवंबर 2024 को एक बड़ी घटना घटी, जब उग्रवादियों ने सैनिकों की वर्दी में आकर पुलिस थाने और सीआरपीएफ शिविर पर गोलीबारी की. इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 11 संदिग्ध उग्रवादियों को मार गिराया. अगले दिन, सशस्त्र आतंकवादियों ने इसी क्षेत्र से महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया, जिससे इलाके में तनाव और बढ़ गया. 7 नवंबर से भड़की इस हिंसा में अब तक कम से कम 14 लोग मारे जा चुके हैं. हालात बिगड़ते देख केंद्र सरकार ने इन क्षेत्रों में AFSPA लागू करने का फैसला लिया.
AFSPA लागू होने का असर

AFSPA के लागू होते ही सुरक्षाबलों को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने, घरों की तलाशी लेने और सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने वालों पर कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है. विशेषज्ञों के अनुसार, AFSPA को उन क्षेत्रों में लागू किया जाता है जहां आतंकवाद या विद्रोह का खतरा होता है और जिससे भारत की सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. मणिपुर (Manipur) में मौजूदा हालात को देखते हुए AFSPA की पुनः बहाली केंद्र सरकार की सुरक्षा के प्रति कड़ी प्रतिक्रिया को दर्शाता है. इस फैसले से सुरक्षाबलों को उन क्षेत्रों में सख्त कार्रवाई करने की स्वतंत्रता मिलेगी जहां हालात बेहद तनावपूर्ण हैं.
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