कोलकाताः पश्चिम बंगाल में इस समय पंचायत चुनाव चल रहे है। चुनाव के 10 घंटे मतदान के दौरान भड़की हिंसा के दौरान 17 लोगों की जान जा चुकी है। और अभी भी राज्य के कई इलाकों से हत्याओं का सिलसिला चल रहा है। पंचायत चुनाव के नामांकन से लेकर चुवान तक हुई हिंसा में अब तक लगभग 36 लोगों की जान जा चुकी है। शनिवार को हुए चुनावी हिंसा में 17 लोगों मे से 9 टीएसी कार्यकताओं की मौत हुई है। इस हिंसा में सबसे ज्यादा तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों की मौत हुई है। ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासनकाल में उनके पार्ट्री कार्यकताओं की हत्याओं को लेकर सवाल उठ रहा है।

बीजेपी विधायक का आरोप, पोलिंग बूथ पर न कैमरे, न पुलिसः

भाजपा के विधायक अग्निमित्रा पाल ने कहा कि पंचायत चुनाव में कहीं भी पोलिंग बूथ पर सीसीटीवी कैमरे नही लगे थे। और न ही राज्य की पुलिस भी वहां मौजूद थी। इसी के चलते बूथों पर चुनावीं हिंसा भड़क गई और लगभग 17 लोगो की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि मैनें इल घटना के संबंध में चुनाव आयोग को लिखा है। वहीं बीजेपी ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है और राज्य में लोकतंत्र को बहाल करने में उनके हस्तक्षेप करने की मांग की है।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने लगाया टीएमसी पर आरोपः

वहीं पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की सत्तारुढ़ पार्ट्री टीएमसी के समर्थकों ने चुनाव में आंतक मचाकर रख दिया। जिसमें अबतक की हिंसा में 36 लोगों की मौत हो गई। और सैकड़ो की संख्या में लोग बहुत बुरी तरह से जख्मी हुए है। हिंसा में घायल हुए लोगों को पुलिस इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हिंसा वाले पोलिंग बूथ पर फिर से चुनाव कराने की मांगः
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की भड़की हिंसा के बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ” आज देश में लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है।” उन्होंने मांग कि जहां जिस पोलिंग बूथ पर चुनाव के दौरान हिंसा भड़की है, जिन पोलिंग बूथ पर सीसीटीवी कैमरे नही लगे है। और मतदान के दौरान जो धांधली हुई है, वहां पर फिर से चुनाव करवाने की मांग की है। इसके अलावा अधिकारी ने राज्य चुनाव अयोग के खिलाफ धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
गोला-बारुद, और हथियार की फीड़िगः
यह बात सिर्फ पश्चिम बंगाल का मामला नही है। देश के और भी राज्य है जहां पर चुनाव के दौरान इस तरह की अराजकता फैलाने वाली घटनाएं सामने आया करती है। बात अगर बंगाल की करें तो वहां हुई चुनावी हिंसा में बंगाल ” बंगाल में इतना गोला- बारुद, हथियार ” को किसने भेजा और इसकी फीड़िंग कौन कराता कौन है। कोई राजनीति तो नही जो किसी के खिलाफ साजिश रची जा रही है। सबसे पहले तो ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई होनी चाही। जो लोग दूसरे के कंधों पर रखकर हथियार चलाते है, देश में सिर्फ दंगा फैलाने का काम करते है।